स्वीडन व फिनलैंड की नाटो में एंट्री में बाधा डाली तुर्की ने
अंकारा (तुर्की)। रूस पर लगाम लगाने के लिए यूरोपीय देशों की ओर से बनाए गए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन को उसके ही सदस्य देश तुर्की की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता को लेकर तुर्की नाराज है और उसने कहा है कि इसको लेकर होने वाली वोटिंग में वह विरोध में मतदान करेगा। ऐसे में स्वीडन और फिनलैंड की नाटो में एंट्री खतरे में पड़ गई है। रूस को घेरने के लिए नाटो ने स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता मंजूर करने की योजना बनाई थी। गौरतलब है कि फिनलैंड और स्वीडन ने 18 मई को नाटो गठबंधन में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया। नाटो में किसी भी नए देश को शामिल करने के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है। अभी नाटो में 30 देश शामिल हैं और तुर्की तो 1952 से उसका हिस्सा है। दरअसल तुर्की का आरोप है कि स्वीडन और फिनलैंड दोनों मिलकर तुर्की के विरोधी आतंकवादियों को खुला समर्थन देते रहे हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ये दोनों देश आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई स्पष्ट रवैया नहीं रखते है, इसलिए वे स्वीडन और फिनलैंड का विरोध करेंगे।
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