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प्रशांत किशोर का कटु सत्य

प्रशांत किशोर का कटु सत्य

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय... यह गूढ़ सीख देने वाले बहुत अनुभवी और दूरदर्शी थे। कटु सत्य कहने का साहस कितने लोगों मंे है? ठकुरसोहाती को सभी हितकर मानते हैं लेकिन सच्चे हितचिंतक वही हैं जो कटु सत्य को बोलने मंे भी संकोच नहीं करें। चुनाव रणनीति का प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर इसी तरह का सत्य कह दिया। राजनीतिक परिपेक्ष्य मंे यह सत्य बहुत ही महत्वपूर्ण है लेकिन चाटुकारिता एक बार फिर भारी पड़ सकती है। देश मंे मजबूत विपक्ष का न होना दुर्भाग्य है और अहितकर भी। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस है और कोई छत्रप अपने राज्य मंे झंडा ऊंचाकर यदि विपक्ष का नेता घोषित करता है तो यह उसका भ्रम ही होगा। वरिष्ठ नेता शरद पवार ने ठीक ही कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता की बात व्यर्थ है लेकिन कांग्रेस मंे उसके नेता के बारे मंे पहली बार प्रशांत किशोर ने खुलकर कहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नेतृत्व एक विशेष व्यक्ति का ही दैवीय हक नहीं है। कांग्रेस मंे नेतृत्व को लेकर यही बात कई लोग कहना चाहते हैं और ग्रुप-22 (पहले ये ग्रुप-23 था लेकिन जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा मंे चले गये हैं) के नेता भी यही कहना चाहते हैं लेकिन खुलकर नहीं कह पा रहे हैं। प्रशांत किशोर के इशारे को स्वयं श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी यदि समझ जाएं तो बेहतर होगा। हालांकि ग्रुप-22 के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात को दूसरे तरह से कहा है। श्री गुलाम नबी आजाद कहते हैं कि उन्हंे नहीं लगता कि अगले आम चुनाव (2.024) मंे कांग्रेस के 300 सांसद आएंगे। इस प्रकार गुलाम नबी आजाद भी प्रशांत किशोर का ही समर्थन कर रहे हैं। राहुल गांधी एक बेदाग नेता हैं और युवा भी लेकिन कांग्रेस को भाजपा, विशेषकर नरेन्द्र मोदी से मुकाबला करने लायक नहीं बना सके। उनके बयान विवादास्पद रहे, जिनको देश की जनता ने भी पसंद नहंी किया। इसलिए कांग्रेस को अब उनके नेतृत्व को लेकर कठोर ही सही लेकिन हितकर फैसला करना चाहिए।
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी की जीत में अहम रोल निभाने वाले प्रशांत ने 2 दिसम्बर को एक ट्वीट किया जिसमें मजबूत विपक्ष की अगुवाई को लेकर कांग्रेस की कथित दावेदारी पर सवाल उठाया गया है. प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा, कांग्रेस जिस विचार और जगह का प्रतिनिधित्व करती है वो एक मजबूत विपक्ष के लिए अहम है। लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व एक विशेष व्यक्ति का ही दैवीय हक नहीं है खासकर तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90 प्रतिशत चुनाव हार चुकी है. विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने दें। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशांत किशोर का आशय ममता बनर्जी की ओर से विपक्ष को लामबंद करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से है. गौरतलब है कि 2024 के आम चुनावों के लिए बीजेपी के सामने विपक्ष को एकजुट करने के प्रयासों के तहत ममता इस समय सक्रिय हैं। इस सिलसिले में अपनी मुंबई यात्रा में उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे व संजय राउत से मुलाकात की है।
प्रशांत किशोर कुछ समय पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा अब कई दशकों तक कहीं नहीं जाने वाली है, और राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि उन्हें इसका एहसास ही नहीं है। सोशल मीडिया पर हाल के एक सवाल-जवाब सेशन में प्रशांत किशोर ने कहा कि आने वाले वर्षों में बीजेपी, भारतीय राजनीति के केंद्र में बनी रहेगी चाहे वह जीते या चाहे हारे। ठीक उसी तरह जैसी स्थिति आजादी के बाद शुरुआती 40 वर्षों में कांग्रेस के लिए थी उन्होंने कहा था कि राहुल सोचते हैं कि बस कुछ वक्त की बात है और लोग उन्हें ( बीजेपी को) उखाड़ फेंकेगे. यह नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक आप मूल्यांकन नहीं करेंगे। आप उनकी (पीएम मोदी) ताकत को समझेंगे नहीं। तब तक उन्हें काउंटर नहीं कर सकते, पराजित नहीं कर सकते ।
कुछ इसी तरह की बात गुलाम नवी भी कहते हैं पुंछ में एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अगले आम चुनाव में पार्टी 300 सीटें जीतेगी। आजाद ने आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर के यह बात अनुच्छेद 370 की बहाली के संदर्भ में कही. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 2024 में कांग्रेस के 300 सांसद आएंगे, इसलिए मैं कोई गलत वादा नहीं करता. आजाद ने कहा कि संसद में अनुच्छेद 370 के बारे में मैं अकेला ही बात कर रहा था और किसी ने बात कही ही नहीं। उन्होंने अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली को लेकर के कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो मैं ये नहीं कहूंगा कि मैं तारे तोड़कर लाऊंगा, मैं चांद को जमीन पर उतारुंगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अलावा कोई कर सकता है तो वो मौजूदा सरकार कर सकती है, लेकिन उसने जब अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया तो वो कैसे इसे बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि मैं यह वादा नहीं कर सकता हूं कि 2024 में 300 एमपी आएंगे तो अनुच्छेद 370 को बहाल करूंगा, उन्होंने कहा कि मुझे अभी नहीं लगता है कि कांग्रेस के 300 सांसद आएंगे।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे लेकिन 2019 में इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा राहुल गांधी नेशनल स्टूडेंस् यूनियन ऑफ इंडिया और यूथ कांग्रेस के चेयरपर्सन हैं। राहुल ने 2004 में राजनीति में कदम रखा। अपने पिता की सीट अमेठी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 21 सीटें जीतीं, इसका श्रेय राहुल गांधी को ही दिया जाता है।
राहुल गांधी ने कैंब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से एम ए और एमफिल किया है। ग्रेजुएशन करने के बाद राहुल गांधी ने लंदन में मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मॉनीटर ग्रुप के साथ काम किया। सन 2002 में राहुल गांधी मुंबई आधारित कंपनी बैकोप्स सर्विसेज प्राइवेट के डायरेक्टर्स में से एक थे। 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में बहुत मेहनत की थी और भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की। उनके नेृत्तव में ही कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को पराजित किया। इसके बाद कर्नाटक में भी भाजपा जेडीएस की सरकार बनी लेकिन बाद में कांग्रेस दरकती गयी। मध्य प्रदेश व कर्नाटक भाजपा ने छीन लिया। र्क नेता कांग्रेस का दामन छोड़ गये। पंजाब में कांग्रेस कमजोर पड़ गयी और कई नेता नाराज हैं।
कांग्रेस पेट्रोल, डीजल और खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के मकसद से 12 दिसंबर को दिल्ली में ‘महंगाई हटाओ रैली’ करने वाली थी। इस रैली की अनुमति नहीं मिली। रैली को जिसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता संबोधित करने वाले थे। पिछले दिनों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा की कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्षों एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में इस रैली के आयोजन को लेकर चर्चा हुई थी। वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘मोदी और महंगाई लोगों के जीवन के लिए अभिशाप बन गए हैं। महंगाई और कीमतों में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि ने देश में हर व्यक्ति की कमाई को निगल कर हर परिवार की आय और बजट को बिगाड़ कर रख दिया है।’ इस प्रकार कांग्रेस सक्रिय तो हो रही है लेकिन मोदी सरकार कुछ करने नहीं देती। (हिफी)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

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