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आगामी चुनाव व कोरोना की दहशत

आगामी चुनाव व कोरोना की दहशत

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
निर्वाचन आयोग के एक जनवरी, 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में लगभग 14.66 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, पंजाब में दो करोड़ से अधिक मतदाता हैं। उत्तराखंड में 78.15 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। वहीं, मणिपुर में 19.58 लाख और गोवा में 11.45 लाख मतदाता हैं। पांचों राज्यों में कुल लगभग 17.84 करोड़ मतदाता हैं।
कोरोना के नये वैरियंट ओमिक्रान की दहशत सिर्फ हवा में नहीं है। पुर्तगाल मंे उन लोगों को भी इसका संक्रमण हो गया है जो दोनों टीके लगवा चुके थे। दक्षिण अफ्रीका से इस नए वैरियंट की शुरुआत मानी जा रही है जो बहुत ही घातक है। अफ्रीकी देशों से 15 दिन के भीतर ही मुंबई मंे एक हजार यात्री आ गये। भारत ने अन्तरराष्ट्रीय विमान सेवाओं को लेकर नयी गाइड लाइन जारी की है लेकिन सिर्फ इतना ही पर्याप्त नहीं होगा। ओमिक्रान का भारत मंे अभी कोई मामला नहीं मिला है लेकिन बाहर से आये यात्री पाॅजिटिव पाये गये हैं। सबसे बड़ा खतरा देश मंे अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं। देश मंे दूसरी लहर का कहर हम बहुत जल्दी भूल गये और सामाजिक दूरी, मास्क को किनारे कर दिया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के कार्यक्रम मंे भी एक-दो ही मास्क लगाए दिखते हैं। ऐसे हालात में फरवरी से मार्च के दौरान ही 17.84 करोड़ मतदाता पांच राज्यों में अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। पिछली बार इन्हीं दिनों कोरोना की दूसरी लहर आयी थी, इसलिए हमंे सतर्कता की बेहद जरूरत है लेकिन चुनाव के चलते सरकार क्या इस प्रकार की सतर्कता लागू करा पाएगी?
कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद सरकार ने जोखिम वाले देशों से अंतरराष्ट्रीय आगमन पर 1 दिसंबर आधी रात से नए यात्रा दिशा-निर्देश लागू किए हैं। दिल्ली एयरपोर्ट ने ट्वीट किया कि जोखिम वाले देशों से अंतरराष्ट्रीय आगमन का संचालन सुचारू रूप से चल रहा है। दक्षिण अफ्रीका में पाए गए पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि इससे वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक जोखिम पैदा हो सकता है। डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद दुनिया भर में खतरे की घंटी बज गई है। दिल्ली में पॉजिटिव यात्रियों को लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा, जबकि टेस्ट में निगेटिव आए यात्रियों को 7 दिनों के लिए अनिवार्य रूप से होम क्वारंटीन में रहना होगा और उन्हें फिर से टेस्ट से गुजरना होगा। जोखिम समझे जाने वाले देशों की सूची में अब ब्रिटेन, यूरोप के सभी 44 देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल भी शामिल हैं।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट मिलने के बाद भारत में भी सतर्कता बरतनी शुरू हो गई है। इसको लेकर देश में कोरोना जांच और वैक्सीनेशन का काम तेजी पर है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 8,954 नए केस सामने आए हैं। साथ ही कोरोना से 267 लोगों की मौत हुई है। अभी रिकवरी रेट 98।36ः है जो कि पिछले मार्च से सबसे ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में 10,207 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। इस तरह से ठीक होने वाले कुल लोगों की संख्या 3,40,28,506 हो गई है। डेली पॉजिटिविटी रेट 0.81 फीसद है जो कि पिछले 58 दिनों से 2 फीसद से नीचे है। अब तक कुल 124.10 करोड़ वैक्सीनेशन हो चुका है। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भारत आने से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। इसको लेकर संशोधित गाइडलाइन 1 दिसंबर से प्रभावी हो गयी हैं। जोखिम वाली श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जांच अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में यात्रियों को उनके आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। एयरपोर्ट पर कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट करने वाली कंपनी एक घंटे में 400-500 टेस्ट कर सकती हैं। लेकिन जांच क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि देश में अब तक ओमिक्रोन का एक भी मामला नहीं आया है। हालांकि महाराष्ट्र के एक वृद्धाश्रम में रहने वाले 67 लोग संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित पाए गए 67 लोगों में से 5 स्टाफ के सदस्य हैं। जबकि अन्य सभी 62 कोरोना संक्रमितों की आयु 60 साल से अधिक है।
साल 2022 की शुरुआती महीनों में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए तैयारियां भी जोरों से होने लगी हैं। इसे लेकर ही बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की केन्द्रीय चुनाव आयोग के साथ समीक्षा बैठक भी हुई। उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई, 2022 को पूरा होने जा रहा है। हालांकि चूंकि यूपी छोड़कर बाकी चारों राज्यों में सरकार का कार्यकाल मार्च में ही खत्म हो रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव बाकी चार राज्यों के साथ ही मार्च में ही करवाए जाने की पूरी संभावना है। निर्वाचन आयोग के एक जनवरी, 2021 के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में लगभग 14.66 करोड़ मतदाता हैं। वहीं, पंजाब में दो करोड़ से अधिक मतदाता हैं। उत्तराखंड में 78.15 लाख मतदाता पंजीकृत हैं। वहीं, मणिपुर में 19.58 लाख और गोवा में 11.45 लाख मतदाता हैं। पांचों राज्यों में कुल लगभग 17.84 करोड़ मतदाता हैं। आयोग ने पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘कोविड मुक्त चुनाव’ कराने के लिए अनेक कदम उठाए थे। इनमें 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और कोविड-19 पीड़ितों के लिए डाक मतपत्र की इजाजत दी गई थी। इसी तरह के कदम बाद में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी उठाए गए। हालांकि, बाद में पश्चिम बंगाल चुनाव में प्रचार के दौरान कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होने की बात सामने आने पर निर्वाचन आयोग ने राज्य में रोडशो और वाहन रैलियों पर रोक लगा दी थी। अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान ज्यादा सतर्कता की जरूरत है। (हिफी)

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