देशरत्न डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के शुभ अवसर पर-:कविता
अब कहाँ मिलेंगे मेरे देश को डॉ.राजेंद्र
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अब कहाँ मिलेंगे मेरे देश को डॉ.राजेंद्र ,
कहाँ मिलेगी उनसी प्रतिभा बेमिसाल,
कर दिया अपना सर्वस्व न्योछावर,
ऊँचा किया अपने भारत का भाल।
तीन दिसम्बर 1884 को जन्म लिये वह,
बने कमलेश्वरी महादेव के प्रिय लाल,
गाँधी संग भारत को आजाद कराकर,
किया उन्होंने अद्भूत कमाल,कमाल।
दिया तुने देश को सर्वश्रेष्ठ संविधान,
बढाया देश का का मान- सम्मान,
किया राष्ट्रपति पद को सुशोभित,
बढायी तुने अपने देश- प्रदेश की शान।
तेरी प्रतिभा,इमानदारी जग जाहिर,
बनी रही तेरी सदा ऊँची आन-बान,
ऊँचे रखे तुने सद्विचार व सपने,
करते रहे सदैव जन-जन का कल्याण ।
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अरविन्द अकेलाहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें|
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