पंजाब में केजरी के दांव

पंजाब में केजरी के दांव

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पंजाब मंे इस बार विधानसभा चुनाव अनुमानों की सीमा मंे नहीं बंधेंगे क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़ जाने से कमजोर हो गयी है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविन्द केजरीवाल तो यहां तक कह रहे हैं कि कांग्रेस के 25 विधायक मेरी पार्टी मंे शामिल होने को तैयार हैं लेकिन हम उनका ‘कचरा’ नहीं लेंगे। उधर, पूर्व में सत्तारूढ़ रही शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा थी लेकिन तीन कृषि कानूनों को लेकर साथ छोड़ दिया था। अब पीएम नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह शिरोमणि अकाली दल भी भाजपा के साथ जा सकता है। मौजूदा समय में राज्य मंे मुख्य विपक्षी दल आप है और उसमंे बिखराव नहीं हुआ। केजरीवाल ने लुभावनी घोषणा के साथ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की तारीफ की है। पूर्व मंे सिद्धू भी आम आदमी पार्टी के गुणगान कर चुके हैं। केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बारे मंे कहा कि वे सिद्धू को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। इस प्रकार विध्धानसभा चुनाव मंे केजरीवाल की कूटनीति अगर सफल हो गयी तो उनकी पार्टी भी सत्ता का विकल्प बन सकती है।
अरविंद केजरीवाल ने गत दिनों पंजाब मंे 2022 विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के मिशन पंजाब कार्यक्रम की लॉन्चिंग करते हुए ऐलान किया कि अगर सत्ता में आए तो उनकी पार्टी पंजाब की 18 वर्ष से ऊपर की हर महिला को प्रति महीने 1000 हजार रुपये देगी। मोगा में केजरीवाल की घोषणा और अन्य पार्टियों द्वारा मुफ्त में सुविधाएं देने से जुड़े ऐलान, मौजूदा सरकार द्वारा सब्सिडी और लुभावनी योजनाओं की घोषणा, पहले से ही कर्ज में डूबे पंजाब में इन दिनों ज्यादा सुनाई दे रही हैं। चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव 2019 के डेटा के मुताबिक पंजाब में 96.19 लाख महिला वोटर हैं। हालांकि 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी वोटर लिस्ट जारी नहीं की गई है। आम आदमी पार्टी का अनुमान हैं कि उसकी योजना से 1 करोड़ महिलाओं को फायदा होगा। अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में आती है और हर महिला को प्रत्येक महीने 1000 हजार रुपये दिए जाते हैं तो राज्य सरकार पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये सलाना का बोझ आएगा। अरविंद केजरीवाल ने यह नोट किया है कि उनकी घोषणा पर विपक्षी जरूर ये सवाल करेंगे कि पैसा कहां है? इस पर उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होती है, जरूरत लोगों के लिए काम करने की नीयत की होती है। मार्च 2017 में जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी तो राज्य सरकार पर 1.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। 2007 से 2017 तक पंजाब में बीजेपी और अकाली दल का शासन था। 2021-22 के लिए बजट प्रोजेक्शन को देखें तो राज्य सरकार पर कर्ज बढ़कर 2.82 लाख करोड़ हो सकता है। 2020-21 के दौरान जीएसटी मुआवजे के बदले बैक-टू-बैक ऋण के रूप में प्राप्त 8,359 करोड़ रुपये के हिसाब से यह प्रभावी रूप से 2.73 लाख करोड़ रुपये हो जाता है। 2019-20 में कर्ज की राशि को देखें तो यह कुल 2.29 लाख करोड़ था। 2020-21 के बजट अनुमानों में इसे 2.48 लाख करोड़ बताया गया था, जोकि बाद में संशोधित अनुमानों में 2.61 लाख करोड़ हो गया, जबकि प्रभावी रूप ये यह 2.52 लाख करोड़ है। प्रभावी तौर पर कुल कर्ज 2019-20 में राज्य की कुल जीडीपी 5.74 लाख करोड़ का 39.90 प्रतिशत था। 2021-22 के लिए कर्ज का प्रोजेक्शन राज्य की जीएसडीपी का 45 फीसदी है। इसके बाद भी राजनीतिक दल लोक लुभावने वादे कर रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष में पंजाब की कुल प्राप्तियां 1.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2019-20 में 1.32 लाख करोड़ रुपये थी। चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुल खर्च 1.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जोकि 2019-20 में 1.34 लाख करोड़ रुपये था। 38,000 करोड़ रुपये की राशि, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के रूप में और 18,000 करोड़ रुपये कर्ज की अदायगी के रूप में शामिल हैं, चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमानों में कुल ऋण सेवा पर खर्च किए जाने का अनुमान है। 2019-20 में यह आंकड़ा 30,000 करोड़ रुपये था। 2021-22 के बजट अनुमानों में पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पर सरकार का बकाया 10,621 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जोकि 2019-20 में 9394 करोड़ था। दरअसल राज्य सरकार ने किसानों, अलग-अलग प्रकार की इंडस्ट्रीज और दलित समुदाय के सदस्यों को सस्ती बिजली देने के लिए पावर सब्सिडी का ऐलान किया हुआ है। हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में कटौती का ऐलान किया है। इसके तहत 7 किलोवाट तक घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति स्लैब 3 रुपया महीना देना होगा। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद राज्य सरकार पर 3300 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। इस महीने की शुरुआत में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने वैट में कटौती का ऐलान किया, जिसके चलते राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 10 और 5 रुपये की गिरावट आई है। साथ में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कमी के कारण 850 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत के साथ प्रति साल 3300 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसके अलावा पंजाब के बजट को देखें तो 2021-22 में कई बड़ी योजनाओं की घोषणा करते हुए किसानों के लिए 7,140 करोड़ की लागत के साथ मुफ्त बिजली की बात कही गई है। साथ ही मासिक रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 750 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये प्रति महीना करने का ऐलान किया गया है। ये 1 जुलाई से लागू होगी और इस पर 4 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही हर घर पानी, हर घर सफाई योजना पर सरकार 2148 करोड़ खर्च करेगी इसके लिए पैसे कहां से आएंगे।
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी पार्टी आगामी पंजाब चुनावों के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की घोषणा कांग्रेस या भाजपा से पहले करेगी। उन्होंने पंजाब में कहा, ‘सभी राजनीतिक दल अपने सीएम उम्मीदवारों को चुनाव की तारीख के करीब घोषित करते हैं, या तो आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद या उसके बाद।’ उन्होंने पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले उनके नाम की घोषणा की थी। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बारे में कांग्रेस और भाजपा पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस घोषणा नहीं कर रही है कि (चरणजीत सिंह) चन्नी, (सुखजिंदर सिंह) रंधावा या (नवजोत सिंह) सिद्धू में से कौन सीएम का चेहरा होगा। इससे पहले केजरीवाल ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की जन कल्याण के मुद्दे उठाने के लिए तारीफ की, लेकिन दावा किया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उन पर दबाव बनाया है। (हिफी)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

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