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मन की बात में स्टार्टअप योजना

मन की बात में  स्टार्टअप योजना

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से पीएम की कुर्सी संभाली है, तभी से महीने के अंतिम रविवार को रेडियो के माध्यम से मन की बात करते हैं। अब मन की बात कार्यक्रम डिजिटल हो चुका है और सरकार की योजनाओं के लाभार्थी सीधे संवाद करते हैं। अभी हाल मंे (29 नवम्बर) पीएम ने मन की बात कार्यक्रममें  लगभग सभी सम-सामयिक मुद्दे उठाये लेकिन उनकी सरकार की आलोचना जिस बेरोजगारी के चलते हो रही है, उस पर स्टार्टअप योजना के माध्यम से जवाब दिया है। स्टार्टअप योजना और मेक इंडिया योजना अब एक साथ काम कर रही हैं और दोनों का मकसद युवाओं को रोजगार देना है। स्टार्टअप योजना में कितने ही युवा अब दूसरे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की स्थिति मंे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम इस बात का विशेष रूप से उल्लेख भी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवम्बर को मन की बात के अपने मासिक एपिसोड में स्टार्टअप्स के महत्व पर जोर दिया और कहा कि जो युवा कभी नौकरी की तलाश में थे, वे अब नौकरी देने वाले बन गए हैं क्योंकि स्टार्टअप भारत के विकास की कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ बन गया है। उन्होंने कहा कि देश स्टार्टअप क्षेत्र में अग्रणी है क्योंकि 70 कंपनियों ने भारत में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है। यह भारत की विकास गाथा का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां लोग अब न केवल नौकरी चाहने वाले बनने का सपना देख रहे हैं बल्कि नौकरी देने वाले भी बन रहे हैं. इससे वैश्विक स्तर पर भारत का कद और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि साल 2015 तक देश में मुश्किल से नौ या दस यूनिकॉर्न हुआ करते थे लेकिन अब भारत यूनिकॉर्न की दुनिया में भी ऊंची उड़ान भर रहा है. उन्होंने कहा, यह सच है, यह स्टार्टअप का युग है, और यह भी सच है कि स्टार्टअप की दुनिया में, भारत आज अग्रणी है. स्टार्टअप्स को साल दर साल रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है. यह क्षेत्र बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि तीन पहलू बहुत मायने रखते हैं- विचार और नवाचार, जोखिम लेने की भावना और कैन डू स्पिरिट। जब ये तीनों चीजें एक साथ आती हैं, तो अभूतपूर्व परिणाम उत्पन्न होते हैं, चमत्कार होते हैं।
देश मंे 2014 में सरकार परिवर्तन के बाद आधुनिक समस्याओं के समाधान के साथ राष्ट्र को चैकाते हुए एक स्टार्टअप लहर देखी गयी और सिलसिला तब से लेकर अभी तक जारी है जिसे देखते हुए 16 जनवरी 2016 में भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना के लिए फंडिंग सहायता, मार्गदर्शन, और उद्योग भागीदारी के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुवात की। स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार द्वारा की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य अपने नागरिकों के बीच उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है। पहल शुरू करने का मतलब इसके माध्यम से बेरोजगारों के बीच रोजगार पैदा करना भी है।
रजिस्ट्रेशन में सरकार द्वारा शामिल कदम स्टार्टअप्स के लिए अतिरिक्त लाभों के साथ सरकार की योजना पर भरोसा करना और उन्हें सुविधाजनक बनाना है। स्टार्टअप इंडिया योजना का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप के पोषण के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम का निर्माण करना है जो स्थायी आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। भारतीय स्टार्टअप अपने पंखों को दूर-दूर तक फैला रहे हैं। शुरू तो हुआ था टियर-1 शहरों से लेकिन टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुंचने तक यह पहल युवाओं में आत्मविश्वास जगाने में कामयाब रही है।स्टार्टअप इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है जो एक-दूसरे से बातचीत करने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने और अत्यधिक गतिशील वातावरण में एक दूसरे के साथ भागीदारी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।इंटेलेक्चुअल एप्लिकेशन दाखिल करने में स्टार्टअप्स को कम लागत वाली कानूनी सहायता प्रदान करना और उसकी प्रक्रिया को तेज करना। पेटेंट और डिजाइन एप्लिकेशन से संबंधित 423 सहायक का एक पैनल और ट्रेडमार्क एप्लिकेशन के लिए 596 लोगों का एक पैनल गठित किया गया हैं। अब तक, 179 आवेदनों को मुफ्त कानूनी सहायता के साथ पेटेंट शुल्क में 80 फीसद तक की छूट का लाभ दिया गया है। ट्रेडमार्क नियम 2017 के तहत स्टार्टअप्स के लिए ट्रेडमार्क दाखिल करने की फीस में 50 फीसद की छूट प्रदान की गयी है। सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद के मानदंडों को कम किया गया है। सार्वजनिक प्रक्रिया में अब अधिक स्टार्टअप अब निविदा प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए पात्र हैं।
स्टार्टअप को तीन साल से पांच साल की अवधि के लिए आयकर से छूट दी गई है। स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए, 1.6 बिलियन अमरीकी डालर का वित्तीय फंड पेश किया गया है और इसका प्रबंधन लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) द्वारा किया जा रहा है ।अपने उद्यमी यात्रा के विभिन्न चरणों के माध्यम से स्टार्टअप्स और आकांक्षी उद्यमियों को शिक्षित करना व अगले कदम के लिए तैयार करना। स्टार्टअप इंडिया स्कीम के लिए संचालन को आसान बनाने के लिए एक तेज और सरल प्रक्रिया प्रस्तावित की गई है। यह उद्यमियों को नए और नए विचारों के साथ प्रयोग करने के लिए बढ़ावा देगी। तब स्टार्टअप्स दिवालियापन होने के डर से जटिल फैसले लेने से डरते थे। स्टार्टअप के लिए एक इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल की नियुक्ति की गयी है ताकि बिना डर के जटिल फैसले लिये जा सके।
इस योजना के तहत अस्तित्व और संचालन की अवधि 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या एक पंजीकृत भागीदारी फर्म किसी भी वित्तीय वर्षके लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं वार्षिक कारोबार होना चाहिए। किसी उत्पाद, प्रक्रिया या सेवा के विकास या सुधार की दिशा में काम करना चाहिए और धन और रोजगार सृजन के लिए उच्च क्षमता के साथ स्केलेबल बिजनेस मॉडल होना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक 27746 कम्पनीज को स्टार्टअप के तहत मान्यता मिल चुकी है और 221 कम्पनीज कर का लाभ उठा रही है।
264 कम्पनी को स्टार्टअप भारत फंड के तहत लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया द्वारा फंड दिया गया है। इस आंदोलन के प्रसार में और तेजी लाने लाने कृषि सहित क्षेत्रों , सामाजिक क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा,आदि क्षेत्रों की और भी धयान दिया गया है। मोबाइल ऐप और पोर्टल भी स्टार्टअप के लिए एकल मंच के रूप में सेवा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। पंजीकरण आवेदन की स्थिति को ट्रैक करना और पंजीकरण को कभी भी डाउनलोड करना आदि सब मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकते है। सरकार ने बैंकों और एनबीएफसी के सहयोग से अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की, जो गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि डैडमें  को उनके प्रारंभिक या विकास चरण में स्टार्टअप इंडिया ऋण प्रदान करती है। ये लोन नयी कंपनियों के साथ साथ दूसरों को भी प्रदान किये जाते है। स्टार्टअप इंडिया योजना में इस कंपनियों को कर में लाभ भी प्रदान किये जाते है। स्टार्टअप इंडिया योजना और मेक इन इंडिया दोनों योजनाये आज कई जगहों पर साथ साथ काम कर रही है। दोनों ही अपने अपने तरीके से योजना का लाभ ले रही है। (हिफी)हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

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