प्राकृतिक एवं निरोगता की चिकित्सा का सशक्त माध्यम आयुर्वेद
जहानाबाद । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर जहानाबाद में आयोजित धन्वतरि जयंती एवं आयुर्वेद दिवस संगोष्टी में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि प्राकृतिक चिक्तिसा का सशक्त माध्यम आयुर्वेद है ।भारत सरकार का आयुष मंत्रालय द्वारा 2016 को धन्वंतरि जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की घोषणा की गई है । स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को हमेशा बेहतर माना जाता है । आरोग्य, सेहत, आयु और तेज आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता भगवान धन्वंतरि हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रणेता सुश्रुत द्वारा रचित सुश्रुत संहिता के 184 अध्याय में भगवान धन्वंतरि को समर्पित कर 1120 रोगों के निदान हेतु 720 औषधीय पौधों का उल्लेख किया गया है । प्राकृतिक एवं नीरोगता की चिकित्सा का का सशक्त माध्यम आयुर्वेद है ।आयुर्वेद उपचार में कफकेयर शर्बत वासा, वासावलेह, वासारिष्ट खदिरादि वटी, मरिचादि वटी, लवंगादि वटी, त्रिकुट चूर्ण, द्राक्षारिष्ट, एलादि वटी, कालीसादि चूर्ण, कफकेतु रस, अभ्रक भस्म, श्रृंगारभ्र रस, बबूलारिष्ट , सुदर्शन चूर्ण, महासुदर्शन काढ़ा, अमृतारिष्ट, ज्वरांकुश रस, सत्व गिलोय, विषम ज्वरांतक लौह , ताकत के लिए शक्तिशाली एन्फ्लूएंजा या वातजनित बुखार होने पर- त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस, संजीवनी वटी, पीपल , स्वर्ण वसंत मालती, लक्ष्मी विलास रस, मृगांक रस, वृहत् श्रृंगारभ्र रस, राजमृगांक रस, वासावलेह, द्राक्षासव, च्यवनप्राश अवलेह, महालक्ष्मी विलास रस , कफकेयर, च्यवनप्राश अवलेह, सितोपलादि चूर्ण, श्वासकास, चिंतामणि कनकासव, शर्बत वासा, वासारिष्ट, वासावलेह, मयूर चन्द्रिका भस्म, अभ्रक भस्म तेल् , सिरदर्द, बेचैनी और प्यास- यदि आप गर्मी के कारण मन और मस्तिष्क की समस्याओं को महसूस करते हैं, साथ ही अत्यधिक सिरदर्द, बेचैनी , दिल व दिमाग को शांति देकर स्फूर्ति प्रदान करने , गुलकंद प्रवालयुक्त, मोती पिष्टी, खमीरा संदल, शर्बत संदल, शर्बत अनार , एग्जिमा यानि छाजन होने पर- चर्म रोगांतक मरहम, गुडुच्यादि तेल, रस माणिक्य, महामरिचादि तेल गंधक रसायन, त्रिफला चूर्ण, पुभष्पांजन, रक्त शोध, खदिरादिष्ट, महामंजिष्ठादि काढ़ा , त्वचा रोग या रक्त विकार होने पर- रक्त शोधक, खदिराष्टि, महामंजिष्ठादि काढ़ा, सारिवाद्यासव, महामरिचादि तेल, रोगन नीम, गंधक रसायन, केशर गूगल, आरोग्यवर्द्धनी, जात्यादि तेल, चर्मरोगांतक मरहम, पुष्पांजन , महाभृंगराज तेल, हस्तिदंतमसी, च्यवनप्राश अवलेह, भृंगराजसव बाल गिरने और सफेद बालों की समस्या को कम करने में आयुर्वेद चिकित्सा है। फेफड़ों में पानी भर जाने पर- नारदीय लक्ष्मी विलास रस, स्वर्ण वसंत मालती, मृगश्रृंग भस्म, प्राकृतिक चिकित्सा का सशक्त माध्यम आयुर्वेद है ।
आयुर्वेद दिवस पर संस्थान के कार्यक्रम पदाधिकारी पप्पू कुमार , प्रियंका , उर्वशी , धीरेंद्र कुमार पाठक , अंकित , उज्ज्वल आदि ने अपने अपने विचार प्रकट किया ।च्यवनप्राश अवलेह, भृंगराजसव बाल गिरने और सफेद बालों की समस्या को कम करने में फायदेमंद है। फेफड़ों में पानी भर जाने पर- नारदीय लक्ष्मी विलास रस, स्वर्ण वसंत मालती, मृगश्रृंग भस्म, प्राकृतिक चिकित्सा का सशक्त माध्यम आयुर्वेद है ।
आयुर्वेद दिवस पर संस्थान के कार्यक्रम पदाधिकारी पप्पू कुमार , सेवानिवृत पी.एन. बी . अधिकारी सत्येन्द्र कुमार मिश्र , जिला कृषक संगठन के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह आदि ने अपने अपने विचार प्रकट किया ।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com