Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

बालीवुड का कड़वा सच

बालीवुड का कड़वा सच 

राजेश लखेरा, जबलपुर।
कला-संरक्षक कैमरों से क्यों छिप रहे हैं,
मीडिया से बेखौफ मिलनेवाले, आज अपने-आपसे डर रहे हैं।

कला को बेचने वाले क्या संस्कार, संस्कृति के संरक्षक होगें,
नशे में फंसे तो आजकल रास्ता ही बदल रहें हैं।

आस्कर की राह देखते देखते बूढ़ा हो गया है भास्कर,
नाम दिलाने वाले आज खुद बदनाम हो रहे हैं।

इनके नशे और गरीब के नशे में है जमीं आसमां का अंतर,
दीन का स्वेज आज भी है चोखा, इनके सपने में भी पसीने निकल रहे हैं।

जिनके समुंदर पार तक दिखावे के चरचे होते थे,
आज वो दरिया में कदम रखने से डर रहे हैं।

एक जानवर आया था इनके शहर में इंसानियत ढूढने,
ज्यादातर घरों में उसे जानवर ही मिल रहे हैं।

स्वरचित
राजेश लखेरा, जबलपुर।

दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ