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माँ की शरण

    माँ की शरण

           डॉ.इन्दु कुमारी

मैया तू ही सहारा है
विघ्न -बाधा हरती है।
आते जो तेरे द्वा र
क्लेश दूर हो जाता है।
विजय मिलती है सदा
अधर्म पर धर्मों  की
मुझे भक्ति वर दो माँ
करूं सदा तेरी पूजा
कोई आन  नहीं दूजा
तेरी शरण में ही रहुं
कृपा बरसाना  माँ
प्रतिकार करूं मैं भी
अत्याचारियों की माँ
मिटेगी  माया भ्रम
स्वरूप की दीदार करूं
जब  तेरी शरण गहूं।
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