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डॉ. अनिल कुमार ने 34वां विश्व भूगोल महासम्मेलन इस्तांबुल तुर्की में किया शोध पत्र प्रस्तुत

डॉ. अनिल कुमार ने 34वां विश्व भूगोल महासम्मेलन इस्तांबुल तुर्की में किया शोध पत्र प्रस्तुत 

हमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर |

दीदी जी फाउंडेशन के मुख्य सलाहकार और मोकामा के प्ल्स 2 भूगोल के शिक्षक डॉ. अनिल कुमार ने 34वां विश्व भूगोल महासम्मेलन इस्तांबुल तुर्की में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया है।

34वां विश्व भूगोल महासम्मेलन 16 से 20 अगस्त को तुर्की इस्तांबुल में हुआ था। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार ने अपना शोधपत्र वर्चुअल प्रस्तुत किया। शोध पत्र का शीर्षक "एक्सेसिव यूज ऑफ ग्राउंड वाटर एंड इट्स इम्पैक्ट ऑन वाटर लेवल" था।

डा. अनिल कुमार के पास 12 डिग्री है। डॉ. अनिल कुमार एक साथ चार विषयों में नेट(यूजीसी)  से उतीर्ण हुये हैं। वह बच्चों के बीच काफी वैज्ञानिक ढंग से तथ्यों को बताते हैं तथा बच्चों को अध्यतन रखते हैं। 

यह उनकी 34 वीं सेमिनार प्रस्तुति थी। डा. अनिल कुमार की तीन पुस्तकें तथा कुल 22 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें तीन पत्र विदेश में प्रकाशित हुये हैं। 

सामाजिक संगठन दीदी जी फाउंडेशन की संस्थापिका तथा अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय राजकीय सम्मान से सम्मानित डा.नम्रता आनंद का कहना है कि डा. अनिल कुमार, मुफ्त शिक्षा सेवा देते हैं तथा शोध पत्र लिखना तथा शोध प्रबंधन सिखाना उनकी फितरत हैं। वह एक साथ छह विषय में शोध पत्र लिखना भी सिखाते हैं। समाज सेवा तथा पूर्ण इमानदारी उनकी मुख्य विशेषता है।

नम्रता आनंद ने कहा कि डा. अनिल कुमार को 2019 में लंदन यूके से युवा वैज्ञानिक का अवार्ड भी मिल चुका है। संप्रति डा. अनिल कुमार इस समय प्ल्स 2 आर.के वी मोकामा पटना पीजीटी भूगोल के पद पर पदस्थापित हैं।  डा. अनिल कुमार संवेदनशील नेक दिल इंसान है तथा शिक्षा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहे हैं। दीदी जी फाउंडेशन के विकास में उनका योगदान सराहनीय रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के प्रति वह सदा प्रयासरत रहे हैं।
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