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पतन इंसानियत का

पतन इंसानियत का

 दिल दहल जाते हैं 
अनहोनी की आशंका से
 रूह कांप उठती है
 कालाबाजारी वाले
 धड़ल्ले से जीवन रक्षक दवा 
और ऑक्सीजन की 
कालाबाजारी कर रहे हैं
 नकली दवाइयों और 
खाली सिलेंडर का 
जैसे प्रचलन हो गया है
 अभी तक तो बाकी 
आवश्यक वस्तुओं की  
सुनी थी कालाबाजारी
 पर हे भगवान नकली दवा 
और खाली सिलेंडर दे
 कर भी क्या  रूह
 नहीं कांपती इनकी।
 आत्मा मर गई क्या उनकी
 सोच नहीं पाते यह 
यदि उस जगह उनके अपने हों
 और वैसी परिस्थिति हो
 जैसी उन्होंने  दूसरों 
के साथ  किया है
 इंसानियत पल पल बिक रही है
 कौड़ियों के भाव
 आत्मायें पल पल मर रही है
 या यूं कहें दफन हो गई है
 इंसानियत का हो गया है 
पतन इंसानियत का हो गया।
बड़े  दुख की बात है
  जिस देश में इंसानियत
 एवं रिश्तो की अहमियत बहुत है
 उसदेश में इंसानियत का पतन हो गया है।
 धन्यवाद
 अंशु तिवारी पटना
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