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हँसी

हँसी

*आभा दवे*
निगाहें मिला लो जरा मुस्कुरा दो
मासूम चेहरों को थोड़ा हँसा दो
हैं आँखों में उनकी उदासी, दिल है खाली
कोई गीत प्यारा सा उनको सुना दो।

तरसते हैं दिल है बड़ी मुश्किल
न घबराना आएगा अच्छा भी पल
दादी - नानी की कोई कहानी सुना दो
हँसी - हँसी में महका दो आने वाला कल।

वो रिश्तो की डोरी वह बचपन की मस्ती
खिलौनों में प्यारी वह गुड़ियों की हस्ती
रूठना मनाना फिर खिलखिलाना
यादों की यह चीजें नहीं है सस्ती।

हँस कर सारे गम को भुला दो
दूर रहकर भी एक - दूजे को हँसा दो
अपने हाथों में कुछ भी नहीं है यहाँ पर
यही सोचकर होठों पर तबस्सुम खिला दो।

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