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बंद रखs धंधा (मगही ग़ज़ल)

बंद रखs धंधा (मगही ग़ज़ल)

      --:भारतका एक ब्राह्मण.
        संजय कुमार मिश्र 'अणु'
मर रहलन हे रोजे लोग।
अइसन आगेलक हे रोग।१।
भाग रहलन हथ खुदे दुर-
हे बनल अइसन संजोग।२।
बची जीवन होई मिलन,
कुसमय के कउन उपयोग।३।
हाथ धो के घर परल रह,
भोग अपन करम के भोग।४।
मास्क लगाके दुरी बनावs
अभी बंद रखsधंधा उद्योग।५।
मानs'मिश्रअणु' के कहना-
ई हे लम्हर जोग कुजोग।६।
         वलिदाद,अरवल (बिहार)
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