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कोरोना से सावधानी बरतिये

कोरोना से सावधानी बरतिये

कोरोना से निजात सावधानी बरतिये पास आने में,
तन्हाई करेगी मदद जिंदगी को  मुस्कुराने में।

ना जाइये  फिलहाल सुरा-समुंदर मयखाने में,
नजर ना आयें हम महीनों कोरोना के ठिकाने में।

धूर्त कोरोना तू दहकती रह इधर से उधर ,
ढूढती रह मौत के मंजर जमाने में।

घूंघट में संस्कृति तो ता-उमर फायदा,
आदत डाल लीजिये चेहरे को मास्क से छुपाने में।

पति-पत्नी के दरम्यान घर में भी फासला,
व्यस्त हैं दूर से ही जख्म के राज बताने में।

हम तो  बेखबर हो गये कुछ अलग करके,
बिता देगे वक्त तेरे भागते तक  आशियानें में।

मेरी जान को बाहर कोरोना के हत्थे नहीं चढ़ने देगें, राजेश,
बेहतर होगा घर में अपनी जान को गले लगाने में।

राजेश लखेरा जबलपुर ।
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