भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2078
13 अप्रैल
बदला है नववर्ष, नया संवत आया है,
कुदरत ने रंग रूप, नया दिखलाया है।
फूल रहे हैं प्लाश, खेत में सरसों फूली,
चहूँ ओर हरियाली, मधुमास आया है।
सूख सूख कर पीत पत्र, वृक्षों से झडते,
नव अंकुरण आस, नया संवत लाया है।
महक रहा है बौर, आम पर कोयल कूके,
हर्षित है हर किसान, खेत लहलहाया है।
भौरें तितली घूम रहे, मकरन्द की आस में,
मधुमक्खी मदमस्त घूमती, बसन्त आया है।
छोडे कम्बल और रजाई, कोट- स्वैटर त्यागे,
शीतल मंद पवन, हवा का झौंका आया है।
घर- घर में होगा अन्न, धन- धान्य की वर्षा,
चलो मनायें उत्सव, नया संवत आया है।
करें प्रकट आभार प्रकृति का, पूजा करके,
हो कन्या सम्मान, शास्त्रों ने बतलाया है।
अ कीर्तिवर्धन
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