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ग्रामीण साहित्यकारों को मंच देने का पुनीत कार्य करते हैं समाजसेवी जटाशंकर सिंह

ग्रामीण साहित्यकारों को मंच देने का पुनीत कार्य करते हैं समाजसेवी जटाशंकर सिंह

हमारे संवाददाता वेद प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट 
• पुरखे कवियों , शहीदों की जयंती और उनकी पुण्य तिथि पर कवि गोष्ठी का विशेष आयोजन करते हैं ।
• उनके प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हुए उनके कृतित्व से युवाओं को अवगत कराते हैं। 
•ग्रामीण रचनाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराते हैं।
साहित्य समाज का एक आईना है जिसमें हम समाज को देखते हैं।अर्थात यह मानवीय जीवन का चित्र होता है । 
वास्तव में साहित्य का उद्देश्य, केवल स्त्री-पुरुष का जीवन नहीं है। साहित्य का उद्देश्य हमारी अनुभूतियों की तीव्रता को बढ़ाने के अलावा वर्तमान समाज और भविष्य के पथ प्रदर्शक का खोज करना होना चाहिए। इसलिए जिस समय साहित्य की रचना की जाती है, उस समय की परिस्थितियों का समावेश अवश्य ही होना चाहिए ।
आज भी गांव में बसता है साहित्य । यह बात सही है। लेकिन आज गांव का प्रयोग सत्ता और शहर के लिए हो रहा है। आज जितने भी कल-कारखाने लगे वो शहर में लगे जिसके कारण लोग रोजी-रोजगार को लेकर गांव से पलायन कर शहर की ओर अपना रूख किए। जिसके कारण लोगों का गांव छूटता गया। साहित्य की बात करें तो जितने भी पुराने लेखक हुए वे गांव के हुए और उनका गांव से जुड़ाव रहा। मुंशी प्रेमचंद से लेकर बाबा नागार्जुन, दिनकर, रेणु कई ऐसे उदाहरण हमारे बीच है। गांव की प्रतिभा ही देश में अपना दमखम दिखाती रही लेकिन आज परिदृश्य बदल गया है। आज के रचनाकारों में से कई लोग अपने उद्देश्य से भटक गए हैं और कविता को बाजार की वस्तु बना कर रख दिए हैं और जिनकी संवेदनाएं गांव की मिट्टी से जुड़ी हैं उन्हें मंच नहीं मिल रहा था । 
ऐसे में आज जमीन से जुड़े ऐसे कई रचनाकार हैं जिन्हें मंच देने का काम समाजसेवी जटाशंकर सिंह जी कर रहे हैं । 

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील अंतर्गत राजपुर गांव के रहने वाले जटाशंकर सिंह जी समाज सेवा के लिए जाने जाते हैं । क्षेत्र की जनता इनका बहुत सम्मान करती है । 
ग्रामीण परिवेश ,ग्रामीण जीवन ही भारतीय साहित्य की धुरी रहा है । आज जबकि देश विकट समस्याओं से, महामारी से गुजर रहा है ,रचनाकार अपनी रचनाओं से समाज को संबल और नई दिशा देने का काम कर रहे हैं । देवरिया जिले के साहित्यकारों के लिए समाज सेवी जटाशंकर सिंह एक बड़ा मंच प्रदान कर रहे हैं और सारे पुरखे कवियों को भी मंच के माध्यम से पुनर्जीवित करने का काम कर रहे हैैं जिन्हें हमारी आज की युवा पीढ़ी भूलती जा रही है ।

युवाओं को प्रोत्साहित करने हेतु शिक्षा ,खेल प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उनकी मदद करते हैं । गरीबों की बेटियों की शादी में यथासंभव मदद करना, नारी का सम्मान ,बुजुर्गों का सम्मान करना , हर वर्ग के लोगों के प्रति आत्मीय भाव रखना इनकी विशेषता है ।

इस पुनीत कार्य के लिए उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं । बहुत-बहुत आभार आपका ।

--- वेद प्रकाश तिवारी (रचनाकार)
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