
‘ऑनलाइन’ हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा ने जगाया हिन्दुओं में हिन्दू राष्ट्र स्थापना का स्फुल्लिंग
राष्ट्रकल्याण तथा विश्वकल्याण हेतु हिन्दू राष्ट्र स्थापना की प्रतिज्ञा करें !
- सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
चलचित्र, वेबसीरीज आदि के माध्यम से हिन्दुद्वेष फैलाने का षड्यंत्र रचा गया है, इसे रोकने हेतु भारत देश मेें भी ईशनिंदा विरोधी कानून की आवश्यकता है । हिन्दू देवताओं की खुलेआम खिल्ली उडानेवालों को कठोर दंड दिलाने के लिए ईशनिंदा विरोधी कानून की मांग करें । हिन्दुओं को मुगलों का अत्याचारी इतिहास भूलने हेतु बाध्य कर, उन्हें असहिष्णु कहाजा रहा है; परंतु इस कुप्रचार की बलि न चढते हुए, सत्य इतिहास सिखाने के लिए सरकार से आग्रह करना चाहिए । किसान आंदोलन के नाम पर गणतंत्र दिवस की पार्श्वभूमि पर देहली में घुसके हिंसाचार किया गया । इस आंदोलन में भी भारतविरोधी संगठन सम्मिलित थे, यह अब सामने आ चुका है । इसके विपरीत हिन्दू आंदोलन करते हैं, तो उनपर हिंसक पद्धतीसे कारवाई होती है । इस स्थति में परिवर्तित करने हेतु तथा राष्ट्र एवं विश्वकल्याण हेतु हिन्दू राष्ट्र स्थापना की प्रतिज्ञा करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी इन्होने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा’ में बोल रहे थे ।
सभा के प्रारंभ में शंखनाद किया गया । उसके उपरांत हिन्दू जनजागृति समिति के मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने दीपप्रज्वलन किया । तत्पश्चात वेदमंत्रपठन हुआ । उसके उपरांत वक्ताओं के जाज्वल्यपूर्ण भाषण हुए । यह सभा ‘यू ट्यूब लाइव’ और ‘फेसबुक’ के माध्यम से 38250 से अधिक लोगों ने देखी ।
इस सभा में सुदर्शन चैनल के सुरेश चव्हाणके ने कहा कि, देहली में हुआ किसान आंदोलन देशविरोधी कृत्य था; इससे बोध लेकर हिंदओं को संगठित होना होगा। ‘लव्ह जिहाद’, ‘लैण्ड जिहाद’ जैसे जिहाद के कारण हिंदुओं पर हो रहे अन्याय के अनेक वीडियो मेरे पास प्रतिदिन आते है । हिंदुओं पर हो रहे ये अन्याय रोकने के लिए हिंदु राष्ट्र की आवश्यकता है । इस कारण हिंदु राष्ट्र का विचार सर्वत्र पहुंचाने की आवश्यकता है । हिंदुओं संगठित होकर संकल्प करो कि एक सेंटीमीटर भूमी भी अन्य धर्मियों को नही देंगे या एक भी बहन को लव जिहाद के कारण नही खोएंगे ।
सनातन संस्था के श्री. अभय वर्तक इस समय मार्गदर्शन करते हुए बोले, ‘आज देश और धर्म संक्रमण अवस्था से गुजर रहा है । कोरोना के काल में यह दिखाई दिया कि पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण कितना अवैज्ञानिक था और संपूर्ण संसार ने हाथ जोडकर नमस्कार करने की अभिवादन की पद्धति स्वीकारी । द्रष्टा संत तथा भविष्यवेत्ताओं के बताएनुसार आनेवाले आपालतकाल में शारीरिक क्षमताके साथ ही आत्मबल होना आवश्यक है । नित्य धर्माचरण से हममें आत्मबल निर्माण होता है । इसलिए दैनिक जीवन के कृत्य धर्मानुसार करें ।
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