इस वर्ष १४ जनवरी को मानेगा मकर संक्रांति
मार्कण्डेय शारदेय
मकरे रविः
इसवर्ष १४ जनवरी २०२१ (गुरुवार) को दुपहर 2.37 में सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण हो रहा है।इस संक्रान्ति में संक्रमण- काल से ही पुण्यकाल माना जाता है, पहले नहीं।इस कारण 2.37 के बाद से सूर्यास्त तक ही स्नान, दान, पूजा-पाठ का विशेष महत्त्व रहेगा।लोक में इसे खिचड़ी भी कहा जाता है।कुछ लोगों की धारणा है कि गुरुवार को खिचड़ी नहीं बनाई जा सकती, पर यहाँ दिन की अपेक्षा संक्रान्ति की महत्ता अधिक है।पुनः कुछ लोग मानते हैं कि सूर्योदय के बाद से ही हमारे यहाँ किसी व्रत-त्योहार की मान्यता है, परन्तु सभी व्रतों के साथ ऐसा नहीं है।और यह तो एकदम सूर्य की गति पर ही आधारित है।इसलिए सारी भ्रान्तियों से परे दुपहर 2.37 से ही पुण्यकाल मानना है।हाँ, अच्छा होगा कि इसके पहले उपवास व फलाहार में रहा जाए, इसके बाद संक्रान्ति-जन्य कृत्य किया जाए।बाल-वृद्ध और रोगियों को उपवास कम ही अपेक्षित है।
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