
सामाजिक कार्यों के संचालन लिए शहर के बड़े व्यवसायियों ने पूर्व में संपत्ति दान की थी। उस संपत्ति को अब करोड़ों के भाव में बेचने की साजिश हो रही है। समाज को झांसा देकर ट्रस्ट की जमीन, धर्मशाला हड़पने का दो मामला सामने आया है।
जानकारी अनुसार शहर के कपड़ा पट्टी स्थित स्व. केदार नाथ मस्करा स्मृति भवन को ध्वस्त करने के बाद वहां नए भवन बनाने के बदले अब उसकी करोड़ों की जमीन बेचने की प्रक्रिया स्व. केदारनाथ मस्करा के वंशजों ने शुरू की है। मस्करा परिवार के करीबी सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट को दी गई जमीन बेचने का सौदा शहर के दो व्यवसायियों से तय कर लिया गया है। इधर बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन ने भी कड़ा ऐतराज जताया है।
100 साल पहले सामाज के लिए बना था धर्मशाला
मस्करा स्मृति भवन की जमीन बेचने की साजिश मामला नहीं है। इससे पहले सहरसा के धर्मशाला रोड स्थित एक और पुराने व्यवसायिक घरानों ने समाज के उपयोग के लिए करीब 100 वर्ष पहले बनाए गए श्री निवास भीमसेरिया धर्मशाला को तोड़कर उसकी जगह उनके नाम से ही स्मृति भवन तैयार किया। अब उस पर उक्त परिवार के बचे सदस्यों ने कब्जा बना लिया है।
जबकि लोगों को पता है कि सहरसा शहर का इकलौता धर्मशाला था जहां दूर-दराज से लोग आकर बजाप्ता निर्धारित शुल्क देकर ठहरते थे। यहां हर तरह की सामाजिक गतिविधियां होती थी। इसके संचालन के लिए शहरवासियों की एक कमेटी थी। धर्मशाला एवं उसमें बनी दुकानों से होने वाले आय से इसका मेंटेनेंस होता था।
लेकिन नए सिरे से निर्माण की बात कह पुराने भवन को तोड़ा गया। समाज के लोगों और प्रशासनिक मदद से दुकानों को खाली करवाया गया लेकिन जब बनकर तैयार हुआ तो आज तक न तो इसकी नई कमेटी बनाई गई है और न ही इसके संचालन की पारदर्शी व्यवस्था हुई।
केदारनाथ मस्करा परिजनों द्वारा ऐसा करना गलत है
कपड़ा पट्टी स्थित स्व. केदार नाथ मस्करा स्मृति भवन के संचालन के लिए 2001 में शहर के लोगों के साथ मस्करा परिवार के सदस्यों ने मिलकर एक रजिस्टर्ट ट्रस्ट बनाया था। यह रजिस्ट्री 27 सितंबर 2001 को तैयार हुई। इस कमेटी में पारिवारिक सदस्यों के अलावा शहर के सामाजिक सरोकार से जुड़े व्यवसायी विश्वनाथ केडिया, राधेश्याम अग्रवाल, दौलत टेकरीवाल थे।
विश्वनाथ केडिया के निधन के बाद आज भी ट्रस्ट से जुड़े दो सदस्य राधेश्याम अग्रवाल और दौलत टेकरीवाल मौजूद हैं। ट्रस्ट की जमीन बेचने की साजिश के संबंध में पूछे जाने पर दोनों सदस्यों ने भी दैनिक भास्कर से कहा कि ऐसा हमने भी सुना है। स्व. केदारनाथ मस्करा के किसी परिजनों द्वारा ऐसा किया जाता है तो यह गलत कदम होगा।
समाज हित में ऐसा नहीं होना चाहिए: अमर दहलान
बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के कोसी क्षेत्रीय उपाध्यक्ष और सहरसा शाखा के अध्यक्ष अमर दहलान ने भी पूछने पर कहा कि ऐसी चर्चा है कि मस्करा स्मृति भवन को बेचने की प्रक्रिया हुई है। समाज हित में ऐसा नहीं होना चाहिए।
दूसरी जगह बड़ा भवन बनवाना चाहते हैं
ट्रस्टी परिवार से जुड़े और स्व. केदारनाथ मस्करा के दामाद डॉ. देवीराम स्वीकार करते हैं कि कपड़ापट्टी स्थित जिस जमीन पर उनके ससुर के नाम से स्मृति भवन था वह काफी जर्जर हो गया था। उसे तोड़कर एक साल पहले हटाया गया है। उस जमीन को बेच कर हम शहर में दूसरी जगह बड़ा स्मृति भवन बनवाना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि मारवाड़ी समाज के लोगों का सहयोग मिला तो नया स्मृति भवन बनवा देंगे।
जमीन के निबंधन की जानकारी नहीं है
^कपड़ापट्टी स्थित किसी स्मृति भवन या जमीन के निबंधन होने की जानकारी हमें नहीं है। ऐसा मामला मेरे संज्ञान में आता है तो उसकी जांच कराऐंगे। अगर कोई निबंधन करा भी लेता है तो उसका टाईटिल हासिल करने में कानूनी अड़चनें आएगी।
-गोपेश चौधरी, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/saharsa/news/conspiracy-to-sell-land-donated-to-kedar-nath-mascara-smriti-bhavan-captured-bhimsaria-dharamshala-127974192.html
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