
रमना स्थित गुरुद्वारा साहिब में साेमवार काे श्रीगुरु गाेविंद सिंहजी के शाहबजादे जाेराबर सिंह व फतेह सिंह का शहादत दिवस मनाया गया। इस दाैरान गुरुद्वारा में 48 घंटे से चल रहे अखंडपाठ का समापन के बाद आरती की गई।
रात्रि में रागी जत्थे ने गुरु के भजनाें की प्रस्तुति दी। माैके पर सैकड़ाें श्रद्धालुओं ने गुरु के सामने मत्था टेक कर प्रार्थना की। गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह ने बताया, गुरुगाेविंद सिंह जी आनंदपुर स्थित किले में रहते थे। जिसे खाली कराने के दबाव में मुगलाें ने 8 महीने तक किले काे घेर रखा था।
अंत में मुगलाें ने शपथ खाकर कहा, किला खाली कर दें, कुछ नहीं हाेगा। इस पर गुरुगाेविंद सिंह ने जैसे ही किला खाली किया ताे पीछे से मुगल सैनिकाें ने हमला कर दिया। इसके बाद गुरु गाेविंद सिंह ने दाेनाें बड़े शाहबजादाें काे युद्ध के लिए भेजा। मुगलाें की लाखाें फाैज के साथ लड़ते हुए दाेनाें शहीद हाे गए।
वहीं, दाेनाें छाेटे शाहबजादे पर धर्म परिर्वतन के लिए दबाव बनाया। हालांकि, उन्हाेंने बात नहीं मानी। इसके बाद उन्हें दीवार पर चुनवा दिया गया था। श्री सिंह ने बताया, उस समय गिने चुने सिख बचे थे। माैके पर मुख्य रूप से कमेटी के सचिव गुरुजीत सिंह साईं, काेषाध्यक्ष पंजाब सिंह, राजपाल सिंह, अमरजीत सिंह थे।
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