
गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर से नीचे खिसकने लगा है। बुधवार को वाल्मीकिनगर गंडक बराज से सवा लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ। यहां बता दें कि पहले दिन 3.88 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ था। जिस कारण पानी का दबाव बढ़ने से गोपालगंज में सारण तटबंध दो जगहों पर टूट गया। जिसका प्रभाव जिले के 11 प्रखंडों पर पड़ा है।
तरैया प्रखण्ड के 09 पंचायतों के 66 गांव बाढ़ की पानी से पूर्णतः डूब गये है। जिससे लोगों का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इन गांवों में एक लाख 35 हजार आबादी बाढ़ से पूर्णतः प्रभावित है। प्रत्येक गांवों का संपर्क एक दूसरे से टूट गया है।अधिकांश लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है।जिससे लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों शरण लिए हुए है।
नाव नहीं मिलने से पुलिस को भी हो रही परेशानी
सरकारी नाव नहीं मिलने से आम आदमी तो परेशान है ही, खास भी परेशान हैं। पुलिस को भी बाढ़ प्रभावित इलाके में जाने में परेशानी हो रही है। बुधवार को पानापुर थाना क्षेत्र के धेनुकी में नाली को लेकर दो पक्ष भिड़ गए। विवाद में एक घर में आग लगने की बात बताई जा रही है। साथ ही कुछ व्यक्ति जख्मी बताए जा रहे है। घटना की जानकारी के बावजूद पुलिस साधन के अभाव में मौके पर तुरंत नहीं जा सकी। पुलिस निजी नाव ढूंढ ही रही थी। तभी जख्मी लोग पानापुर इलाज के लिए पहुंच गए। बाद में प्रभारी थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने चौकीदारों को निजी नाव से घटनास्थल पर भेजा।
पानापुर व परसा इलाके में गंडक का जलस्तर हुआ कम
तीसरी बार बाढ़ झेल रहे पानापुर प्रखंडवासियों को बुधवार को एक आशा की किरण दिखाई दी। बाढ़ का पानी अब घटना शुरू हो गया है। पानापुर थाना, पानापुर बाजार, बीआरसी, प्रखंड कार्यालय जाने वाली सड़क पर बाढ़ के पानी में कमी आई है। हालांकि पानी कम होने के बावजूद बाढ़ पीड़ितों की समस्या कम नहीं हुई है। बाढ़ पीड़ितों को खाने, रहने, आने-जाने की परेशानी बनी हुई है। उधर गंडक नदी में पानी लगातार कम हो रहा है। जिससे तटीय इलाके के बाढ़ पीड़ित राहत की सांस ले रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों की मानें तो फिर कम से कम 10-15 दिनों का समय रास्ता खुलने में लग जायेगा।
तीसरी बार बाढ़ आई लेकिन सरकारी सहायता नहीं मिली
तीसरी बार आई बाढ़ में कोई मदद नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ित गुस्से में है। इस बार के बाढ़ में कोई प्रशासनिक मदद लोगों को नहीं मिली। वहीं आदर्श आचार संहिता को देखते हुए जनप्रतिनिधि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे नहीं आए। विधानसभा चुनाव में संभावित उम्मीदवारों को बाढ़ पीड़ितों के गुस्से को झेलना पड़ सकता है।
जनप्रतिनिधि और नेता नहीं आते नजर
हमेशा गुलजार रहने वाला पानापुर बाजार तीसरी बार के बाढ़ में शांत हो गया है। बाढ़ आते ही नेताओं की गहमागहमी बढ़ जाती थी। अभी नेता क्षेत्र से गायब हैं। वहीं निजी नावों का भाड़ा अधिक होने से आम लोग पानापुर बाजार आने-जाने का जहमत नहीं उठा रहा है। सरकारी बाढ़ राहत का कार्य नहीं होने से ना पंचायत के जनप्रतिनिधि दिख रहे हैं ना ही दलाल किस्म के लोग इधर-उधर मंडरा रहे हैं।
ग्रामीण सड़क पर बह रहा तीन से चार फीट पानी, आवागमन बाधित
ग्रामीण सड़कों पर लगभग तीन-चार फीट पानी बहने के कारण आवागमन बाधित है। डुमरी पंचायत के चाँदपुरा, चकिया, उसरी, शितलपुर,हरपुर फरीदन, मुकुन्दपुर, फरीदनपुर, डुमरी, हरदासचक, पोखड़ेरा पंचायत के पोखड़ेरा, पिपरा, लौवा, बगही, चैनपुर पंचायत के चैनपुर, शीतलपटी, सिरमी, सानी खराटी, आदि 66 गांव बाढ़ से प्रभावित है।
सीओ अंकु गुप्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 25 नावों का परिचालन सरकारी स्तर पर किया जा रहा है।09 पंचायत के 66 गाँव पानी से पूर्णतःघिर गये है। जिसमे 01 लाख 35 हजार की आबादी प्रभावित है। जबकि 04 पंचायतों में 15 हजार की आबादी आंशिक रूप से प्रभावित है। ग्रामीण सड़कों पर लाेग पानी में घुसकर आना-जाना कर रहे हैं।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/chhapra/news/flood-havoc-in-taraiyas-66-villages-135-lakh-people-searching-for-places-to-save-lives-127767632.html
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