
शहर से होकर बहने वाली बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। जिससे नदी के बांध व स्लुईस गेटों पर इसका दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को नदी के जलस्तर का दबाव खतरे के निशान 45.73 से 1.52 मीटर बढ़कर 47.25 मीटर हो गया। यह रविवार को 46.80 मीटर था। यानी एक दिन में नदी का जलस्तर 45 सेंटीमीटर तक बढ़ गया। नदी का जलस्तर प्रतिदिन औसतन 21 सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़कर विगत आठ दिनों में 1.73 मीटर बढ़ गया है।
बीते 21 जुलाई को इस वर्ष पहली बार नदी के जलस्तर ने खतरे के निशान 45.73 मीटर को पार किया था। उसके बाद से उसमें लगातार वृद्धि जारी है। इसका नतीजा हुआ कि रविवार की देर शाम मगरदही घाट स्थित स्लुईस गेट में हुए रिसाव से शहर में पानी का प्रवेश कर गया। उसे निकालने की प्रक्रिया भी हुई पर बांध से सटे लोगों ने जागकर रात बिताई। वहीं बांध से सटे कॉलोनी में रहने वालों को अब बाढ़ का डर सताने लगा है।
गाेपालगंज: 23 नए गांवों में घुसा पानी कई इलाके पूरी तरह हो गए जलमग्न
बरौली और सिधवलिया को डुबोने के बाद बाढ़ का पानी अब बैकुंठपुर के पश्चिम व दक्षिणी इलाके को घेर लिया है। बैकुंठपुर के शेष 5 पंचायतों के 23 नए गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इससे मिडिल इलाके के लोगों की तबाही बढ़ने लगी है। 6 प्रखंडों में बाढ़ की त्रासदी है। माझा, बरौली, सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
सीवान: गोरेयाकोठी-हरदिया मार्ग पर भी चढ़ा पानी, नए इलाके भी चपेट में
गोपालगंज में सारण तटबंध टूटने के बाद से बाढ़ के पानी ने अब सीवान में भी तबाही मचा रहा है। रविवार की सुबह सीवान की सीमा में प्रवेश किए इस बाढ़ के पानी ने सोमवार को लकड़ी नवीगंज प्रखंड के 10 और नए गांव को अपनी चपेट में ले लिया वही दूसरी ओर गोरेयाकोठी के करीब पांच और नए गांव में बाढ़ का पानी समा गए।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/samastipur-152-meters-above-danger-mark-water-of-old-gandak-panic-among-people-127559580.html
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