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धूमधाम एवं नियमों के साथ संपन्न होगी रथयात्रा

सनातनद्रोहीयों को लगा झटका! नियमों के साथ संपन्न होगी रथयात्रा!



भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा पर अपनी लगाई रोक को उच्चतम न्यायालय ने कुछ निर्बंधों के साथ हटाकर अपनी सनातन धर्मद्रोही भूल को सुधारा!

दिनांक १८ जुन को ओडिशा विकास परिषद नामक धर्मद्रोही एनजीओ द्वारा सनातन हिन्दू धर्म पर आघात करने के षडयंत्र कर उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका द्वारा हजारों वर्ष पुरानी रथयात्रा पर ओडिशा राज्य सरकार , केन्द्र सरकार एवं हिन्दू संघटनों, धर्माचार्यों एवं हिन्दू संस्थाओं को अपना विचार रखने का अवसर न देकर मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षतामें न्यायाधीश ए.एस. बोपन्ना, न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी की तीन सदस्यीय खंडपीठ द्वारा रथयात्रा के तथ्यों एवं परम्परा को जाने बिना रोक लगाई थी।

इस पर पुनर्विचार करने उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता सुभाष झा , अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय सहीत अन्यों द्वारा पुनर्विचार याचिकायें उच्चतम न्यायालय में दाखल की गयी थी जिसपर आज उसी तीन सदस्यीय खंडपीठ द्वारा अपने निर्णय को पलटते हुये रथयात्रा पर लगायी गयी रोक को निरस्त कर कुछ नियमों के साथ इसके आयोजन की अनुमति आज दे दी है।

इसमें केन्द्र सरकार की महत्वपुर्ण भुमिका रही है जिसने रथयात्रा को संपन्न करने अपनी सहमती जतायी थी जिसका श्रेय मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह को जाता है यह स्पष्ट है।
 
इस कारण भगवान श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा तय तिथीनुसार कल दिनांक २३ जून को प्रारम्भ होगी जिसकी तैयारियाँ जोर-शोर से रथयात्रा प्रबंधन समिती ने आरम्भ कर दी है।

उच्चतम न्यायालय ने समय रहते जो निर्णय लेकर प्रायश्चित किया है उससे सभी सनातन हिन्दूधर्म की जनमानस में हर्षोल्लास है वहीं जिन औरंगजेबी हिन्दूद्रोही मानसिकता के  षडयंत्रकारी एनजीओ व उसके साथियों ने सनातन परम्पराओं पर जो आघात करने का प्रयास किया उसे जोरदार झटका लगा है।

तेलंगाणा राज्य के लष्कर-ए-हिन्द के राज्यप्रमुख घनश्याम व्यास ने इस निर्णय पर संतोष व्यक्त कर भविष्य में भी ऐसे आघातों को रोकने सनातन धर्मरक्षक तत्पर रहेंगे ऐसी भावना व्यक्त की।
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