
बांका में गेहूं अधिप्राप्ति का हाल दयनीय है। धान अधिप्राप्ति में पिछड़ने के बाद गेहूं अधिप्राप्ति की रफ्तार लक्ष्य से कोसों दूर है। गेहूं अधिप्राप्ति में विभागीय उदासीनता की वजह से महज एक किसान से अबतक गेहूं की खरीदारी की जा सकी है। इस वर्ष जिले में 64 हजार 690 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सहकारिता विभाग ने 63 पैक्स व 2 व्यापार मंडल का चयन किया है। जिस प्रकार धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को हासिल करने में विभाग के पसीने छूट गये, उसी प्रकार गेहूं अधिप्राप्ति का हाल बुरा है। गेहूं अधिप्राप्ति की अंतिम तिथि 15 जुलाई है और किसान बाजार में गेहूं बेचने को विवश हो रहे हैं। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि बाजार भाव अधिक होने की वजह से किसान बाजारों में ही गेहूं बेच रहे हैं। गेहूं अधिप्राप्ति के लिए 63 पैक्स व 2 व्यापार मंडल को चयनित किया गया है, लेकिन अबतक एक किसान से ही गेहूं खरीद की जा सकी है।
पैक्स द्वारा खाद्य निगम को चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया भी धीमी है। राज्य खाद्य निगम बांका को अबतक कुल 15 हजार 362 एमटी चावल की सप्लाई की गयी है। इस वर्ष चावल खरीद का लक्ष्य 21132.766 रखा गया है। अबतक कुल 67 प्रतिशत चावल की आपूर्ति की जा सकी है। पैक्सों के ढुलमुल रवैये की वजह जहां धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सका है। वहीं एफसीआई ने नमी का हवाला देकर चावल खरीदने में लेट लतीफी दिखाई। धोरैया के बटसार पैक्स ने तो अबतक एक छटांक चावल की सप्लाई नहीं की है। सख्ती नहीं करने की वजह से धान, चावल व गेहु अधिप्राप्ति यहां बाधित हो रही है।
47 किसानों ने ही अबतक कराया रजिस्ट्रेशन
जिले में गेहूं अधिप्राप्ति की घोषणा होने के बाद खरीदारी के लिए 65 समिति का चयन किया गया है। वहीं जिले भर में 47 किसानों ने अबतक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया है। जिले में सरकारी स्तर से प्रचार-प्रसार नहीं होने से कम किसान ही सरकारी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा पाते हैं। ज्ञात हो धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य में बांका जिला पहले से ही पीछे चल रहा है, इधर गेहूं अधिप्राप्ति में किस प्रकार लक्ष्य को पूरा किया जाएगा, यह समझ से परे है।
लॉकडाउन में बिचौलियों के शिकार हुए किसान
गेहुं तैयारी के शुरूआती दिनों में किसानों को लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कोरोना की मार झेल रहे किसानों को पैसे की तंगी हुई, तो औने पौने दाम में किसानों ने फसल को बिचौलियों के हाथ बेच दिया। अगर चयनित पैक्स ने समय रहते सजगता दिखाई होती तो, उन्हें सरकारी तय दर के अनुसार पैसे मिल जाते। वहीं अब बाजार में उंचे दाम पर गेहूं की बिक्री हो रही है, तो किसान पैक्स को गेहूं नहीं बेचना चाहते हैं। गेहूं खरीद के लिए पैक्स समितियों व व्यापार मंडलों की तैयारी भी आधी-अधूरी है। विभाग ने 20 अप्रैल से ही गेहूं खरीदने की तिथि निर्धारित की थी। गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 15 जुलाई तक निर्धारित है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/banka/news/wheat-procurement-started-from-april-20-till-now-shopping-from-only-one-farmer-127411022.html
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