केर और बेर का साथ, मर्यादा में रहना पड़ता है,
मर्यादा का चीरहरण, तो केर को फटना पडता है।बनी रहे शान्ति जग में, ताक़त का अहसास ज़रूरी,
बुद्ध की प्रासंगिकता हेतु, युद्ध भी करना पड़ता है ।
चाकू खरबूजे का रिश्ता, खरबूजे को कटना पडता है,
मुस्लिम हिन्दू भाईचारा, चारा दूजे को बनना पडता है।
पहला तो बस भाई ही है, अल्पसंख्यक पहचान बनी,
सदा सहिष्णु हिन्दू दोषी, उसको ही सहना पडता़ है।
नमक और दूध का रिश्ता, दूध को फटना पडता है,
मानवता हित विष घट तो, शिव को पीना पड़ता है।
सभी देवगण धर्म के हित, अस्त्र शस्त्र साथ में रखते,
सोच रहे बुद्ध बनकर जीना, अधर्मी से मरना पडता है।
उठो पार्थ! अस्त्र सँभालो, युद्धक्षेत्र में लड़ना पड़ता है,
भाई चारा मिथ्या भ्रम है, चक्रव्यूह में बढ़ना पड़ता है।
किंचित भी अवसाद करो ना, कौन बचा- कौन मरा,
धर्म पालन करना सीखो, धर्मयुद्ध में मरना पड़ता है।
डॉ अ कीर्ति वर्द्धनहमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com