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ईडी की बड़ी कार्रवाई: रिशु श्री के नेटवर्क पर छापेमारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर विदेशी टूर तक की खुली परतें

ईडी की बड़ी कार्रवाई: रिशु श्री के नेटवर्क पर छापेमारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर विदेशी टूर तक की खुली परतें

पियूष रंजन, दिव्य रश्मि संवाददाता

पटना, 13 जून 2025:
बिहार में भ्रष्टाचार और सत्ता के गलियारों में सांठगांठ की एक और परत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ताजा कार्रवाई से खुलकर सामने आई है। ईडी ने गुरुवार को रिशु श्री नामक व्यक्ति और उससे जुड़े नेटवर्क पर बिहार, हरियाणा और गुजरात सहित नौ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

पटना से सूरत तक एक साथ छापेमारी


ईडी की टीमें पटना, मुजफ्फरपुर, सूरत और पानीपत में सक्रिय रहीं। छापेमारी के दौरान पटना के गोला रोड स्थित सामान्य प्रशासन विभाग के संविदा अंडर सेक्रेटरी विनोद कुमार सिंह के आवास सहित कुल नौ ठिकानों को खंगाला गया। छापेमारी की यह कार्रवाई रिशु श्री, उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट अविनाश कुमार, और कई ट्रैवल एजेंटों की संलिप्तता के कारण की गई है।

ट्रैवल एजेंटों के जरिए अधिकारियों को मुफ्त टूर!


जांच में खुलासा हुआ है कि रिशु श्री सरकारी अधिकारियों और उनके परिजनों के लिए देश-विदेश की महंगी यात्राओं का इंतजाम ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से करता था। होटल स्टे, हवाई टिकट और टूर पैकेज की बुकिंग के खर्च उसके द्वारा वहन किए जाते थे। ईडी को इन एजेंटों के पास से अनेक दस्तावेज मिले हैं, जिनमें प्रभावशाली अधिकारियों और उनके परिवारों के नाम, टूर डिटेल, होटल बुकिंग और भुगतान के प्रमाण शामिल हैं।

ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी थी रिशु श्री की 'पहुंच'


एक और चौंकाने वाला पहलू यह सामने आया है कि सामान्य प्रशासन विभाग में संविदा पर कार्यरत विनोद कुमार सिंह, रिशु श्री के इशारे पर अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में हस्तक्षेप करते थे। इसके बदले रिशु श्री उन्हें सुविधाएं और विदेश यात्राओं की व्यवस्था कराता था।

रिशु श्री और संजीव हंस की करीबी


गौरतलब है कि कुछ समय पहले विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने रिशु श्री, निलंबित IAS अधिकारी संजीव हंस और दो अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। रिशु श्री को संजीव हंस का घनिष्ठ सहयोगी माना जा रहा है और यह पूरा नेटवर्क वर्षों से सक्रिय था।

श्री नेस बिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की भूमिका


ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि रिशु श्री की कंपनी श्री नेस बिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड इस पूरे नेटवर्क के संचालन में प्रमुख भूमिका निभा रही थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कई वरिष्ठ अधिकारियों की पत्नियाँ और परिजन इस कंपनी से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। दस्तावेजों से संकेत मिलता है कि यह कंपनी केवल एक आड़ के रूप में काम कर रही थी।

बरामद दस्तावेज और आगे की कार्रवाई


ईडी को छापेमारी में बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा, बैंकिंग लेनदेन के प्रमाण, ट्रैवल रिकॉर्ड्स और संविदा नियुक्तियों से जुड़े कागजात मिले हैं। एजेंसी अब इन दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है। आने वाले दिनों में और भी वरिष्ठ अधिकारियों और पदाधिकारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।

बिहार में ईडी की यह कार्रवाई सत्ता, धन और लालच की जटिल गठजोड़ की तस्वीर पेश करती है, जहाँ रिशु श्री जैसे व्यक्ति सरकारी मशीनरी में छुपे भ्रष्टाचार की कड़ियों को जोड़ते हुए नजर आते हैं। ट्रैवल एजेंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट और संविदा अधिकारी — सभी मिलकर एक ऐसा गिरोह बनाते हैं जो पदों की खरीद-फरोख्त से लेकर विदेशी यात्राओं तक को प्रभावित करता है। 

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