जी-20 की अध्यक्षता में भारत का कद ऊंचा हुआ है-------- कौटिल्य मंच

जी-20 की अध्यक्षता में भारत का कद ऊंचा हुआ है-------- कौटिल्य मंच

जी 20 सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन में दिल्ली घोषणापत्र पर आम सहमति कायम करने के कठिन माने जाने वाला काम भारत ने कर दिखाया है। यह भारत के प्रधानमंत्री के सफल कूटनीति कौशल का ही जादुई परिणाम है जो भारत ने प्रदर्शित किया है। विश्व के कल्याण के लिए भारत की वसुधैव कुटुंबकम् की उदार अवधारणा का उदाहरण है यह। यह अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भारत के निरंतर बढ़ते हुए प्रभाव को दर्शाता है। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की दृष्टि से यह भारत की बड़ी उपलब्धि है जिसने जटिल वैश्विक मतभेदों के बीच सहमति की राह निकाल कर असंभव को संभव कर दिखाया है। यह संपूर्ण विश्व के लिए अनुकरणीय है। भारत ने भू -राजनीति और आर्थिक ख़ेमों में बंटी दुनिया को एक कुटुंब के रूप में जोड़ने का प्रयास करते हुए ऐतिहासिक सफलता हासिल की है जो भारत को गौरवान्वित करने वाला है। विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र के उपरोक्त बयान का जिन प्रमुख लोगों ने समर्थन किया है उसमें बिहार के जाने-माने साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ऑल इंडिया जूलॉजी साइंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बी एन पांडे जानेमाने साहित्यकार प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव कवि साहित्यकार डॉक्टर राम सिहासन सिंह प्रसिद्ध व्यवसाई शिवचरण डालमिया डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज नीरज कुमार वर्मा शंभू गिरी किरण पाठक रुकमणी पाठक कविता राऊत सिद्धनाथ मिश्रा अश्वनी तिवारी मोहम्मद उमैर देवेंद्र कुमार पाठक डॉक्टर जियाउद्दीन राम भजन दास देवेंद्र नाथ मिश्रा मुकेश मिश्रा रंजीत पाठक पवन कुमार मिश्र पियूषा गुप्ता पूजा कुमारी दीपक पाठक मुन्ना पाठक अधिवक्ता अविनाश कुमार सुनीता देवी मृदुल मिश्रा गणेश मिश्रा विनायक सिंह विश्वजीत चक्रवर्ती पुष्पा गुप्ता संगीता कुमारी मोहम्मद सद्दाम भोला सिंह प्रियंका मिश्रा तरन्नुम राशिद चंचला शर्मा उल्लेखनीय है।
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