"दिव्य रश्मि" मासिक पत्रिका 28 मई को मनाएगी अपना 9वाँ स्थापना दिवस |

"दिव्य रश्मि" मासिक पत्रिका 28 मई को मनाएगी अपना 9वाँ स्थापना दिवस |

दिव्य रश्मि संवाददाता  जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खबर |
अपनत्व भाव के साथ "दिव्य रश्मि" मासिक पत्रिका २८ मई २०२३ को अपने 9वें वर्ष में प्रवेश कर रही है । पत्रिका के संपादक डा० राकेश  दत्त मिश्र (R D Mishra) ने बताया कि इस पत्रिका का शुभारंभ वर्ष २०१४ के मई महीने में किया गया था। उस समय से निर्वाध रूप से इसका प्रकाशन प्रतिमाह हो रहा है। उन्होंने इसका नियमित प्रकाशन का श्रेय अपने पाठकों और पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को देते हुए कहा कि आध्यात्मिक चेतना, सनातन धर्म एवं संस्कृति को जीवित रखने के साथ समाजसेवियों में मंगल भाव जागृत करने का प्रयास “दिव्य रश्मि” मासिक पत्रिका के माध्यम से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि “दिव्य रश्मि” पत्रिका धर्म, शिक्षा और समाज की खबरों से परिपूर्ण राष्ट्रीय पत्रिका है, इस पत्रिका में धार्मिक आलेख, पौराणिक कथाओं, समसामयिक घटनाचक्र, सरकार की उपलब्धियों सहित कई अन्य स्तंभ है जो लोगों को आकर्षित करता है।

डॉ मिश्र ने बताया कि “दिव्य रश्मि” पत्रिका के संस्थापक पूज्यनीय स्वर्गीय सुरेश दत्त मिश्र जी थे। उनके बताये दिशा निर्देश से पत्रिका अपने 9वें वर्ष में प्रवेश किया है। पत्रिका को कुशलता पूर्वक चलाने के लिए इसमें में कई विंग कार्यरत है जिसमें परामर्शी, विधि परामर्शी, संपादक मंडल प्रमुख है। “दिव्य रश्मि” पत्रिका के प्रतिनिधि झारखंड, दिल्ली, बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश सहित बिहार के लगभग सभी जिलों में फैले हुए है। उन्होंने यह भी बताया कि दिव्य रश्मि मासिक पत्रिका में जितने भी पद हैं वे सभी पद अवैतनिक है।

संपादक आर डी मिश्रा ने बताया कि “दिव्य रश्मि” मासिक पत्रिका अपनी 9वीं स्थापना दिवस के अवसर पर "विनायक दामोदर सावरकर जी की 140वीं जंयती" का आयोजन भी कर रही है इस अवसर पर हम उनकी जीवनी और देश के प्रति समर्पित भाव पर, प्रकाश डालेंगें । इस कार्यक्रम में देश भर से विद्वानों को बुलाया गया है |

उन्होंने बताया कि “दिव्य रश्मि” पत्रिका का इस वर्ष 9वाँ स्थापना दिवस पटना स्थित आई एम ए हॉल के सभागार में 28 मई को मनाया जायेगा , जिसमें देश के ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों एवं पत्रकारों की उपस्थित सुनिश्चित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार पंडित कमलेश पुण्यार्क करेंगे, मुख्य अतिथि पंडित मार्कअण्डे शारदेय, अतिविशिष्ट अतिथि झारखंड के सम्मानित साहित्यकार धर्म चन्द्र पोद्दार , मगही के लोकप्रिय कथाकार साहित्यकार बाबूलाल मधुकर और विशिष्ट अतिथि के रूप में रेलवे के चिकित्सक डॉ मदन दुबे एवं रेलवे राजभाषा के पदाधिकारी श्री राजमणि मिश्र उपस्थित रहेंगे ।

"दिव्य रश्मि" पत्रिका के उप संपादक सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि “दिव्य रश्मि” पत्रिका में देश के हिन्दुओं के लिए और धार्मिक माताओं के लिए लेख तो प्रकाशित होता ही है, इसके अतिरिक्त पौराणिक यात्राओं, खोजी आलेख, सरकार की उपलब्धि, ज्योतिष आदि से सम्बंधित लेख और समाचारों से भी भरा पड़ा रहता है। "दिव्य रश्मि" पत्रिका का प्रत्येक अंक का कवर पेज भी रोचक रहता है। "दिव्य रश्मि" ने अपनी कवर पेज की यात्रा सूर्य मंदिर से शुरू किया था। उसके बाद अलग-अलग अंक में, "भारत के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर", "कृष्ण लीलाओं में छिपा संदेश", "नौ रूपों में माँ दुर्गा की महिमा", "भगवान स्वामी नारायण", "स्वामी विवेकानन्द आध्यात्मिक गुरु", "शिव पार्वती संवाद", "देश प्रथम होता है धर्म नही", "योग में छिपा है जीवन का रहस्य", "जगत जननी आदिशक्ति योनिरुपाय कामाख्या देवी", "महाराणा प्रताप विशेषांक", "भविष्य द्रष्टा सावरकर", "गुप्तेश्वर पाण्डेय बने बिहार के डीजीपी", "कार्तिक छठ पूजा", "राम कथा का.....वनवास में प्रभु कहाँ कहाँ", "हनुमान जी अमर कैसे", श्री भगवान परशुराम, जैसे मत्वपूर्ण शीर्षक से अंक का प्रकाशन किया है। "आदि शंकराचार्य", "चक्रवर्ती सम्राट शिवाजी" एवं "भगवान बुद्ध" जैसे लोगों पर विस्तार रूप से आलेख/विचार का भी प्रकाशन किया है, जिसमें गूढ़ बातों की जानकारी दी गई है।

उन्होंने बताया कि "दिव्य रश्मि" पत्रिका के सक्रीय रूप से संपादक डॉ राकेश दत्त मिश्र, उप संपादक सुबोध कुमार सिंह, अरविंद पाण्डेय, अखिलेश पाण्डेय और सुबोध कुमार सिंह राठौड़, झारखंड में प्रतिनिधि श्री निवास सिंह, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अनिरुद्ध प्रताप शर्मा, और सुलतानपुर में गिरीश चन्द्र त्रिपाठी, बिहार के औरंगाबाद जिला में अरविंद कुमार अकेला कार्यरत है।

उपसंपादक श्री सिंह ने बताया की राजधानी पटना में “दिव्य रश्मि” पत्रिका के प्रतिनिधि जितेन्द्र कुमार सिन्हा, रवि शेखर सिन्हा, प्रेम सागर पाण्डेय, जितेन्द्र कुमार मिश्र, मन्दाकिनी कुमारी, देव चन्द्र पंजियार, विनोद कुमार सिंह, राकेश कुमार गुप्ता, चंदन कुमार, उमेश कुमार सिंह, सच्चिदानन्द मिश्र , ऋचा दुबे सक्रीय एवं अनुभवी प्रतिनिधि है। जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि "दिव्य रश्मि" पत्रिका के संपादक डॉ राकेश दत्त मिश्र ने अपनी भाईचारे का उद्दमपरिचय देते हुए पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को एक सूत्र में पुष्पमाले की तरह पियो के रखते है। किसी की समस्या को वे अपनी समस्या समझते है उसी प्रकार पत्रिका से जुड़े सभी सदस्य उनको अपना पारिवारिक मुखिया समझते है। इसलिए पत्रिका समूह के लोग "दिव्य रश्मि" पत्रिका को अपनी पत्रिका समझ कर पूरी लगन, निष्ठा और सहयोग के साथ समर्पित होकर कार्यरत है।
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