तनी छेडऽ बसुलिआ के तान

तनी छेडऽ बसुलिआ के तान(मगही गीत)


तनी छेडऽ बसुलिआ के तान
कि नेहिआ के भोर हो रहल।।

दखिनाहा हउआ जे गुदगुदी बराबे
कोइली के बोलिया पिरितिया जगाबे ।
के करतइ झूमर जिआन
पकवनिआ लोर हो रहल।।

सखिया सलेहर के खोंइछा भराएल
भर अँगना गउन्हेरी भुइयांँ रंगाएल ।
हे कनहूँ उख-बिख ‌परान
अँखिआ भर लोर हो रहल।।

चिहुँक उठे अधरतिए निनुआएल मनमा
अइसन में झलके न नीमन सपनमा
भेलन उ परिवा के चान
कि जगले में भोर हो रहल।।***********
डॉ रामकृष्ण
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