आजम के गढ़ पर भगवा

आजम के गढ़ पर भगवा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनावों ने सबसे बडी सीख मोहम्मद आजम खान को दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के दिग्गज नेताओं में उनका शुमार किया जाता है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव उनको अपने भाई का दर्जा इसलिए देते थे क्योंकि मुस्लिम सपा के वोट बैंक बन गये थे। आजम खान को यह गुरूर था कि मुसलमान सपा से उनकी वजह से ही जुड़े हैं। इसके चलते वह समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने का प्रयास भी करते रहे हैं। समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव की एन्ट्री होने के बाद कई बदलाव आये। अखिलेश के पांच चाचा शिवपाल यादव, बेनी प्रसाद वर्मा, रामगोपाल यादव, अमर सिंह और आजम खान में वर्चस्व को लेकर शीतयुद्ध चलने लगा। एक समय ऐसा भी आया जब आजम खान को किनारे कर दिया गया था लेकिन सियासत के भी दिग्गज पहलवान मुलायम सिंह ने उन्हें फिर पार्टी में शामिल कर लिया। इसके बाद मुलायम सिंह के परिवार में झगड़ा शुरू हुआ। आजम खान का झुकाव शिवपाल की तरफ था इसलिए अखिलेश थोड़ा नजरंदाज भी करने लगे थे। ऐसे ही हालात में योगी आदित्य नाथ ने प्रदेश की सत्ता संभाली और आजम खान के बहीखाते खोल दिये गये। साल भर से ज्यादा उन्हें जेल में रहना पडा। उनकी लोकसभा सदस्यता भी अदालत से सजा सुनाए जाने से रद्द कर दी गयी। बात-बात पर हल्ला बोलने वाली समाजवादी पार्टी ने आजम खान की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन नहीं किया, इसका मलाल तो आजम खान को था ही अब रामपुर की जनता ने उनकी पसन्द के प्रत्याशी को पराजित कर उन्हें सच्चाई से रूबरू करा दिया है। सच्चाई यह है कि सपा नेता आजम खान के गढ़ में बीजेपी ने कब्जा कर लिया है। बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सदर विधानसभा सीट से शानदार जीत दर्ज की है। आकाश सक्सेना को 80964 वोट मिले हैं, जबकि सपा प्रत्याशी आसिम रजा को 47262 वोट मिले हैं। आकाश सक्सेना ने 33,702 वोट से जीत दर्ज की है। मतगणना में पहले जब रामपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही थी. सपा प्रत्याशी आसिम रजा लगातार बढ़त बनाए हुए थे। इस बीच सपा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर योगी सरकार पर तंज भी कसा था। सपा ने ट्वीट कर लिखा, रामपुर में प्रशासन और पुलिस के अत्याचार के बावजूद समाजवादी पार्टी आगे हैं। इस बीच आगे चल रहे सपा प्रत्याशी आसिम रजा को 12वंे राउंड में बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने 3161 वोट से पीछे छोड़ दिया और अंत में आकाश सक्सेना ने आजम खान के किले पर भी भगवा फहरा दिया। बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सदर सीट से शानदार जीत दर्ज की। आकाश सक्सेना को 80964 वोट मिले हैं, जबकि सपा प्रत्याशी आसिम रजा को 47262 वोट ही मिल पाये। आकाश सक्सेना ने 33,702 वोट से जीत दर्ज की है। आजम खान के गढ में भाजपा को इतने वोटों से जीत मिलेगी, इसका अनुमान नहीं था।

वहीं यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने प्रचंड जीत हासिल की है। मैनपुरी की जनता ने मुलायम की बहू पर जमकर प्यार लुटाया। खतौली सीट पर भी सपा-रालोद प्रत्याशी मदन भैया की जीत हुई है। इस प्रकार अखिलेश यादव के नेतृत्व में सफलता को आजम खान भले ही हजम नहीं कर पाएं लेकिन उनके सगे चाचा शिवपाल यादव ने जरूर समझ लिया है। शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसपा) का उपचुनावों का नतीजा घोषित होते ही सपा में विलय कर लिया है।

रामपुर विधानसभा सीट हो या फिर स्वार दोनों ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं. जहां मुस्लिम आबादी 34.5 से 50 प्रतिशत के बीच है। वहीं यहां, ब्राह्मण और वैश्य समुदाय भी चुनावों को खासा प्रभावित करते हैं। यहां जाटों और दलितों का भी खासा प्रभाव है और माना यही जाता है कि चाहे वो दल हों या नेता जीत हार में इनकी अहम भूमिका है। अगर आप रामपुर में किसी बच्चे से भी पूछेंगे तो वह आजम खान को ही फेवरेट बताएगा। वह अभी भी इलाके में फेमस हैं। भाजपा ने जिस तरह से उन्हें टार्गेट किया और एक के बाद एक केस दर्ज हुए इससे माना जा रहा था कि आजम खान को ही फायदा मिलेगा। लोग बीजेपी और प्रशासन को संदेश देते हुए अपने प्रत्याशी के लिए वोट करते हैं। आजम यहां से 10 बार विधायक रहे हैं और लोग अभी भी उनके साथ खड़े हैं। यह कहना था रामपुर में समाजवादी पार्टी के एक स्थानीय नेता का। बीजेपी ने 2017 में इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन समाजवादी पार्टी को पराजित नहीं कर पायी थी। विधानसभा चुनाव में आजम खान ने जेल में रहते हुए चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसी के बाद सियासत में बदलाव देखने को मिलते हैं। यहां लोकसभा के लिए उपचुनाव हुआ, जिसमें सपा प्रत्याशी आसिम रजा को भाजपा के घनश्याम लोधी के खिलाफ मुंह की खानी पड़ी। लोकसभा सपा के हाथ से निकलने के बाद आजम की विधानसभा सीट भी चली गई, जिससे यहां कि विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सामने अखिलेश के लिए आजम के रूप में एक बड़ा सहारा था, जिसके दम पर वह जीत का ख्वाब बुन रहे थे।जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आजम खान पर 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग चुका है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच के एक मामले में उन्हें 3 साल जेल की सजा हुई है। इसीलिए रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ है। रामपुर लोकसभा के बाद अब विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली है। आजम के खिलाफ कोर्ट की लड़ाई लड़ने वाले आकाश सक्सेना को टिकट देकर भाजपा ने आजम खान के गढ को ध्वस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी गरिमा के अनुसार प्रदेश के तीनों उपचुनावों में विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी है। उन्हांेने कहा कि सभी विजयी प्रत्याशी प्रदेश के हित में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। इसके साघ्थ ही योगी ने रामपुर में भाजपा की पहली जीत के लिए जनता का आभार जताया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2024 के आम चुनाव की यह भूमिका बताई जा रही है।
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