हिन्दू फोबिया की उलटी गंगा

हिन्दू फोबिया की उलटी गंगा

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के मंत्री पर आरोप लगाया है कि उन्हांेने अपने कई समर्थकों को हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ दिलाई है। इसके सबूत में एक वीडियो जारी किया गया है। इस आरोप में अगर सच्चाई है तो हिन्दुओं के द्वारा ही हिन्दू फोबिया फैलाया जा रहा है। यह मामला जिस समय का है, ठीक उसी समय ब्रिटेन में मुख्य विपक्षी दल के नेता हिन्दू फोबिया के खिलाफ संघर्ष करने की प्रतिबद्धता जता रहे थे। कुछ दिन पहले ही अमेरिका में सिख परिवार की सामूहिक हत्या कर दी गयी। इसके पीछे भी हिन्दू फोबिया था या नहीं, अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन अमेरिका में भी नस्लवादी हिंसा की वारदातें होती रहती हैं। वहां भी सरकार ने इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। हिन्दुओं के बारे में यह कहा जाता है कि धर्म परायण होने के नाते उनकी प्रवृत्ति सहिष्णु और दयालु होती है। सनातन धर्म भी बहुत लचीला और सामंजस्य का भाव रखने वाला है। धर्म के प्रचार की इसीलिए कभी जरूरत नहीं समझी गयी जबकि इस्लाम और ईसाई धर्म का प्रचार अत्याचार और प्रलोभन के साथ किया गया। अब उन्हीं देशों में हिन्दू धर्म के प्रति सहृदयता दिखाई जा रही है जबकि भारत में ही हिन्दू फोबिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह भी एक पहेली है कि भाजपा ने दिल्ली सरकार के एक मंत्री पर हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ दिलाने का आरोप लगाया है लेकिन उसी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल हनुमान चालीसा पढ़ते हुए कहते हैं कि मैं कट्टर हिन्दू भक्त हूं। यह घटना सन् 2020 में दिल्ली में चुनाव के समय की है।
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ शपथ दिलाने का आरोप लगाया है और कहा कि उनके कार्यक्रम में लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर न मानने की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राजेंद्र पाल गौतम के कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की कभी पूजा नहीं करने की भी शपथ दिलाई गयी है।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं और लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर न मानने की शपथ लेते दिख रहे हैं। इसके अलावा लोगों को हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की भी शपथ दिलाई गई। इस वीडियो को बीजेपी के कई नेताओं ने शेयर किया है और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है।
वीडियो मिशन जय भीम कार्यक्रम का बताया जा रहा है, जिसमें दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी थी। राजेंद्र पाल गौतम ने ट्वीट कर कहा था, चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज मिशन जय भीम के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ० अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो शेयर करते हुए राजेंद्र पाल गौतम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एक बार फिर ‘आप’ का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा! तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो? क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है आप की आंखों में? इतनी नफरत क्यों? वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि अरविंद केजरीवाल के मंत्री दिल्ली में हिंदुओं को और हिंदू देवी देवताओं को गाली दे रहे हैं और केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा बोलने का ढोंग कर रहे हैं।
भारत की राजनीति में हिन्दू फोबिया को देखने के बाद ब्रिटेन पर नजर डालें। हिंदूफोबिया को लेकर ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद लेंसिस्टर और बर्मिंघम में हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद हुए सभी तरह के नफरती अपराधों से लड़ने की प्रतिबद्धता जताई है। लंदन में यूरोप के सबसे बड़े नवरात्र उत्सव को संबोधित करते हुए लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ने सैकड़ों ब्रिटिश-भारतीयों के सामने कहा कि वो इस बांटने वाली राजनीति को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि समुदायों के बीच नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दोहन कर रही चरमपंथी ताकतों को भी वो खत्म करना चाहते हैं। ब्रिटेन के कुछ डायस्पोरा संगठनों ने दावा किया था कि पिछले महीने लेंसिस्टर में फैली अराजकता हिंदूफोबिया या हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए नफरती अपराधों के कारण हुई, इसे सोशल मीडिया पर गलत जानकारी ने हवा दी। स्टार्मर ने तालियों के बीच कहा, हिंदूफोबिया का हमारे समाज और कहीं भी कोई स्थान नहीं है और हमें मिल कर इससे लड़ना होगा। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि कई लोगों को उनके धर्म के कारण निशाना बनाया जाता है, और इस तरह के अपराधों में हाल के सालों में बढ़ोतरी हुई है। मैं इस बंटवारे की राजनीति से थक गया हूं। मैं लेंसिस्टर और बर्मिंघम की सड़कों पर पिछले हफ्तों में बंटवारा देख बहुत दुखी हुआ। हिंसा और नफरत, जो चरमपंथी ताकतों ने सोशल मीडिया पर फैलाई, उससे दुखी हुआ। हमें एक साथ खड़े होकर नफरत फैलाने के सभी प्रयासों के खिलाफ काम करना होगा। उन्होंने कहा, हम घोर दक्षिणपंथियों की तरफ से हमारे दुख का फायदा उठाना भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमें तोड़ने से अधिक हमें जोड़ने के कारण हमारे पास हैं। हमारे धर्म, जगहों और पूजास्थलों का सम्मान किया जाना चाहिए। भारत की राजनीति इससे सबक ले तो बेहतर है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के समय सभी प्रमुख पार्टियों के नेता जोर-शोर से चुनाव के प्रचार में जुटे हुए थे। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में खुद को कट्टर हनुमान भक्त बताया। इसके अलावा उन्होंने हनुमान चालीसा भी सुनाई।एक निजी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया कि आपने खुद को हनुमान भक्त बोला है तो क्या हनुमान चालीसा आती है? इस पर केजरीवाल ने कहा, हां, बिल्कुल आती है। मैं गाने की कोशिश करूंगा। इससे बहुत शांति मिलती है। दिल्ली के सीएम ने इसके बाद हनुमान चालीसा सुनाई। यह महज दो साल पहले की बात है। केजरीवाल के मंत्री क्या दो साल में इतने बदल गये हैं कि उन्हंे हिन्दू फोबिया सता रहा है? (
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