भारत के शिक्षा माॅडल की तारीफ पर बवाल

भारत के शिक्षा माॅडल की तारीफ पर बवाल

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
राजनीति की इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है कि हमारे देश की तारीफ विदेशी समाचार पत्र कर रहे हैं और उसका विरोध सरकार कर रही है। अमेरिका के प्रतिष्ठित न्यूयार्क टाइम्स अखबार ने दिल्ली राज्य की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए एक आलेख छापा। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया है। इसलिए उनकी तस्वीर भी अखबार में छपी है। इससे देश को गौरवान्वित होना चाहिए लेकिन केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा दिल्ली में एकमात्र विपक्षी पार्टी है और 70 में से उसे 8 विधायक मिले हैं। इससे पूर्व तो उसमें सिर्फ तीन ही विधायक थे। इसलिए भाजपा के इस राजनीतिक दर्द को तो समझा जा सकता है लेकिन राष्ट्रीयता तो भाजपा का सबसे बड़ा हथियार है। इसलिए न्यूयार्क टाइम्स में देश की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ होने पर भाजपा को तो खुशी जतानी चाहिए थी लेकिन इसके विपरीत भाजपा के नेता आरोप लगा रहा हैं कि न्यूयार्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर पेड न्यूज छाप दी गयी। मीडिया में इसकी जोरदार चर्चा हो रही है। एक न्यूज चैनल ने न्यूयार्क टाइम्स का हवाला देते हुए कहा कि यह आर्टिकल विज्ञापन या पेड न्यूज नहीं है। न्यूयार्क टाइम्स का कहना है कि दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधारके प्रयासों के बारे में हमारी रिपोर्ट निष्पक्ष और ग्राउड रिपोर्टिग पर आधारित है। बहरहाल, इसी बीच आम, आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई का छापा पड़ गया है। यह छापा आबकारी मामलों को लेकर डाला गया है लेकिन इसे भी न्यूयार्क टाइम्स में मनीष सिसोदिया की फोटों छपने से जोड़ा जा रहा है।

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई की छापेमारी मामले में केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के अनुसार, न्यूयार्क टाइम्स के पहले पेज पर आज ही दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई भेजी। भारद्वाज ने कहा, आज पूरे भारत के लिए और देश में और बाहर रह रहे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए गौरव का दिन था कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फोटो न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता कुछ और ही दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। थोड़ी बहुत विदेशों की भी जानकारी होनी चाहिए, लेकिन इन्हें पता ही नहीं है कि न्यूयॉर्क टाइम्स क्या अखबार है। बीजेपी के ये नेता बोल रहे हैं कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने फ्रंट पेज पर पेड न्यूज छाप दी, लेकिन वो अखबार एडोटोरियल नहीं छापता, जिस खबर के लिए उन्हें खुश होना चाहिए वो पेड न्यूज है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के इन आरोपों को बकवास करार दिया है कि सिसोदिया पर केंद्रित न्यूयॉर्क टाइम्स का आर्टिकल पेड न्यूज है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी एक न्यूज चैनल को बताया कि आर्टिकल, विज्ञापन या पेड न्यूज नहीं बल्कि जमीनी रिपोर्टिंग के आधार पर है। न्यूयार्क टाइम्स ने एक बयान में कहा, दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार के प्रयासों के बारे में हमारी रिपोर्ट निष्पक्ष और ग्राउंड रिपोर्टिंग पर आधारित है। शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई वर्षों से कवर किया है। द न्यूयॉर्क टाइम्स में पत्रकारिता हमेशा से स्वतंत्र और राजनीतिक या विज्ञापनदाताओं के प्रभाव से मुक्त है। अन्य न्यूज आउटलेट्स हमारे कवरेज को नियमिति रूप से पुनः प्रकाशित करते हैं।

इससे पहले, बीजेपी के कुछ नेताओं पर कंज कसते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक भारद्वाज ने कहा, ये नेता कह रहे हैं कि खलीज टाइम्स में भी वही खबर छपी जो न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी है, लेकिन इनको बिल्कुल अंदाजा नहीं है, न्यूयॉर्क टाइम्स में अखबार में रिपोर्टर का नाम लिखा है, खलीज टाइम्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स की कर्टसी देकर छापा है। दोनों अखबारों में एक ही रिपोर्टर का नाम है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, भारत की सबसे अमीर पार्टी भाजपा है, इनके पास इतना पैसा है तो आपने 8 सालों में पेड न्यूज क्यों नहीं छपवा दी?, एक छपी थी, इन लोगों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को फोन करके कहा कि पैसा लेकर खबर छाप दो. मैं इन्हें चुनौती देता हूं कि आप लोग अपनी पूरी ताकत और पैसा लगाकर कल के न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में आप विश्व गुरु की तस्वीर छपवा दीजिए।

भारद्वाज ने कहा, जितनी खुशी मुझे खबर की नहीं हुई, उससे ज्यादा खुशी इनके पेट दर्द को देखकर हो रही है। इन्हें तो खुश होना चाहिए था कि जिन अखबारों में नेगेटिव खबरें छपता थी वहां आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों की अच्छी खबरें छप रही है।

उधर, दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की छापेमारी के कुछ घंटों बाद ही दर्जनभर आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. दिल्ली सरकार के सेवा विभाग की ओर से जारी स्थानांतरण आदेश के अनुसार, जिनका स्थानांतरण किया गया है उनमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव उदित प्रकाश राय भी शामिल हैं जो 2007 बैच के एजीएमयूटी काडर के आईएएस अधिकारी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के दो मामलों में एक कार्यकारी अभियंता को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में राय के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की।

वहीं सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एफआईआर में पहला आरोपी बनाया है. सीबीआई की इस एफआईआर में 15 आरोपी हैं। दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार के केंद्र के आरोपों को लेकर सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। वहीं छापेमारी के बाद मनीष सिसोदियाने कहा कि पूछताछ के लिए अभी नहीं बुलाया है. सभी का व्यवहार बहुत अच्छा था, कुछ फाइलें थी मेरे पास फोन ले गए हैं। मैंने और मेरी फैमिली ने पूरा सहयोग दिया. आगे भी जांच होगी तो सहयोग देंगे। हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है। बता दें कि भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की अनिवार्य मंजूरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दी थी। सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने छापेमारी के दौरान दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए हैं, उनकी जांच चल रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी। कल छापेमारी के दौरान दो आरोपी विजय नायर और दिनेश अरोड़ा सीबीआई को नहीं मिले और न ही उनकी लोकेशन मिली है। फिलहाल उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है. उनके विदेश भाग जाने की संभावना जताई जा रही है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार को दिल्ली में ‘‘अच्छा काम करनेश्श् से रोकने के लिए केंद्र सरकार एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है।
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