बारूद के ढेर पर बैठे कांग्रेसी

बारूद के ढेर पर बैठे कांग्रेसी

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
  • दो साल से दबी आग फिर सुलगने लगी
कांग्रेस के नेता खुमारी में ही नहीं हैं बल्कि बारूद के ढेर पर बैठे हैं। केन्द्र की सत्ता गयी और एक-एक करके राज्य भी छीन लिये गये लेकिन होश ठिकाने नहीं आए। भाजपा के नेता भी चिनगारी फंेका करते हैं और कभी-कभी बारूद में धमाके होने लगते हैं। राजस्थान में ऐसा ही हो रहा है। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हल्की सी चिनगारी फंेक दी और सचिन पायलट व अशोक गहलोत के गुट आपस मे भिड़ गये। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तो राजस्थान में राजनीति का चाणक्य कहा जाता है लेकिन उन्होंने भी गजेन्द्र सिंह शेखावत का इशारा नहीं समझा। यह भी हो सकता है कि अशोक गहलोत सोच रहे हों कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले ही रास्ते के कांटे को साफ कर दिया जाए। बहरहाल, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के कुछ दिनों पहले दिये गये एक बयान से राज्य में कांग्रेसी लाठी भांजने लगे हैं। शेखावत ने कहा था सचिन पायलट से चूक हो गयी वरना...। इस बात पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया और कहा कि इससे यह प्रमाणित होता है कि सरकार गिराने की साजिश में आप सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे। सीएम अशोक गहलोत का यह बयान सीधे-सीधे सचिन पयलट पर हमला था। इससे पूर्व सचिन पायलट पर सरकार गिराने का सीधे-सीधे आरोप नहीं लगाया गया था। जाहिर है कि अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया से सचिन पायलट गुट अशोक गहलोत पर हमलावर हो गया। इसका जवाब अशोक गहलोत के गुट ने भी दिया।
राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की ओर से सीकर में दिए गए बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। एकजुटता के तमाम दावों के बावजूद गहलोत-पायलट की सियासी अदावत जगजाहिर है। लेकिन सियासी बगावत का चैप्टर क्लोज होने के बाद यह पहली बार है जब गहलोत ने सीधे तौर पर सचिन पायलट के सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। बीते लंबे समय से गहलोत-पायलट के बीच कोल्ड वार तो चल रहा था लेकिन खुले तौर पर एक-दूसरे का नाम लेने से परहेज किया जा रहा था।
अब तक दोनों इशारों ही इशारों में एक-दूसरे पर तंज कस रहे थे लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से महज सवा साल पहले यह है। सीएम गहलोत ने हमला तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर किया लेकिन बयान की सुई शेखावत के साथ सचिन पायलट पर भी घूम गई। दरअसल गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिनों पहले सचिन पायलट से चूक होने का बयान दिया था। इस पर सीएम गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि इससे प्रूव हो गया कि सरकार गिराने की साजिश में आप सचिन पायलट के साथ मिले हुए थे। सीएम गहलोत का यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई। कयास लगाए जाने लगे कि आखिर सीएम गहलोत ने सीधे तौर पर सचिन पायलट का नाम क्यों लिया? मुख्यमंत्री के इस बयान को राहुल गांधी द्वारा पिछले दिनों दिए गए बयान से भी जोड़कर देखा जाने लगा है। दिल्ली में कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मैंने और सचिन पायलट ने काफी पेशेंस रखा है। राहुल गांधी के इस बयान को बड़ा सियासी इशारा समझा गया। सचिन पायलट के करीबी और उनके समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश में जुलाई महीने में बड़ा सियासी उलटफेर होने वाला है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को भी पायलट समर्थक इसी सियासी अटकल से जोड़ रहे हैं।
पायलट समर्थक हालांकि बोलने से बच रहे हैं लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने यह बयान पायलट समर्थकों को उकसाने के लिए दिया है। राजनीति के जानकार कहते हैं कि सीएम गहलोत सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्हें पता होता है कि कब, क्या बात कितने शब्दों में बोलनी है। उनका हर एक शब्द नपा-तुला और गहरे अर्थ वाला होता है। ऐसे में सचिन पायलट को लेकर बयान भी सोच समझकर ही दिया गया होगा। बहरहाल, सब अपनी-अपनी तरह से इस बयान के मायने निकालने में लगे हैं। बयान के पीछे सीएम की असली मंशा क्या थी वह तो वो ही जाने लेकिन सियासी हलकों में इसे सूबे की सियासत से जुड़े बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्मयंत्री अशोक गहलोत के सचिन पायलट पर सियासी अटैक के बाद गहलोत कैंप ने पायलट पर हमलों की झड़ी लगा दी। पायलट चुप हैं लेकिन उनके कैंप के नेता मैदान में उतर आए हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तो ट्वीट कर पायलट को विषपान करने वाला नीलकंठ तक कह डाला। कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा कि नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है। आचार्य प्रमोद कृष्णम के इस ट्वीट के बाद राजस्थान में सियासी पारा उफान पर है। पायलट कैंप के विधायक इंद्रराज गुर्जर ने ट्वीट कर गहलोत कैंप पर पलटवार किया। ट्वीट में लिखा जमीन पर बैठा हुआ आदमी कभी नहीं गिरता है फिक्र उनको है जो हवा में हैं। इस बीच जयपुर में अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान गहलोत के करीबी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने गजेंद्र सिंह शेखावत के बहाने बिना नाम लिए पायलट पर हमला बोला। जोशी ने कहा कि शेखावत हो या कोई और पहले भी मुंह की खाई थी और आगे भी खाएंगे। इससे पहले नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने भी कहा कि गहलोत ने क्या गलत कहा था। दोनों ने यानी शेखावत-पायलट की सरकार गिराने में मिलीभगत थी। दरअसल राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच आग के शोले उस समय फिर भड़क उठे जब चार दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में राहुल गांधी ने ईडी की पूछताछ से आने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि उनके पास धैर्य है। जैसे सचिन पायलट के पास है। इस कार्यक्रम से जयपुर लौटने के बाद गहलोत ने पायलट पर अटैक किया। गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक बयान पर पलटवार करते हुए पायलट पर निशना साधा। गहलोत ने कहा कि शेखावत के बयान से साफ है कि दो साल पहले उनकी सरकार गिराने में सचिन पायलट के साथ मिलीभगत थी। लगभग दो साल पहले 2020 में गहलोत सरकार का संकट खत्म होने के बाद ये पहला मौका था जब गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लेकर सरकार गिराने की साजिश को लेकर सीधा उनको को निशाने पर लिया। इस बीच बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने तंज कसा कि राहुल गांधी ने सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ क्या कर दी गुस्साये सीएम ने उन पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर सीधे-सीधे कांग्रेस नेतृत्व को चुन्नौती दे डाली। नीलकंठ बने पायलट जब जहर उगलेंगे तो सरकार के तबाह होने की संभावना प्रबल हो जाएगी। राठौड़ ने कहा अगर गहलोत के पास प्रमाण है तो सरकार गिराने की साजिश में दर्ज तीन केस में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं करवाते? बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक बयान जारी कर कहा कि गहलोत के बयान से साफ है कि कांग्रेस में पंजाब और गुजरात के बाद राजस्थान में भी बिखराव हो चुका है। बहरहाल, प्रदेश में कांग्रेस के पैबंद छिपाए नहीं छिप रहे हैं। आपसी मनमुटाव बार-बार खुलकर बाहर आ रहे हैं। इससे संगठन के सामने तो संकट खड़ा हो ही रहा है, सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। सत्ता पक्ष के विधायक ही मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। ताजा मामला किशनपोल विधायक अमीन कागजी का है जिन्होंने डॉक्टर्स के तबादलों से नाराज होकर अपनी ही सरकार के मंत्री के निवास पर धरना दिया।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ