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सौन्दर्य प्राप्ति और दीर्घायु दिवस छोटी दिवाली

सौन्दर्य प्राप्ति और दीर्घायु दिवस छोटी दिवाली 

सौंदर्य और दीर्घायु  के लिए नरक चतुर्दशी मनाई जाती है । सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित सौंदर्य और दीर्घायु संगोष्टी विषय पर हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा है कि कार्तिक कृष चतुर्दशी सौंदर्य और दीर्घायु दिवस है । आयु के देवता यमराज की उपासना  , धन कर स्वामी कुवेर और संकटमोचन हनुमान जी का जन्म दिवस एवं 16000 कन्याओं से भगवान कृष्ण का विवाह , दैत्य राज नरकासुर के अत्याचार से त्रस्त लोगों को मुक्ति तथा भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा द्वारा नरकासुर को बध कर 16 हजार कुँवारियों की मुक्ति दिलाने के उपलक्ष्य में छोटी दिवाली मनाई जाती है । श्रीकृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर का वध किया था. नरकासुर ने 16,000 कन्याओं को अपने वश में कर लिया था. राक्षस की कैद से कन्याओं को आजाद कराने के लिए कृष्ण को उसका वध करना पड़ा था. इसके बाद कन्याओं ने श्रीकृष्ण से कहा कि समाज उन्हें अब कभी स्वीकार नहीं करेगा. इन कन्याओं को समाज में सम्मान दिलाने के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे विवाह किया था। प्राग्ज्योतिषपुर का राजा दैत्य राज  नरकासुर का भगवान  श्रीकृष्ण ने अपनी तीसरी पत्नी सत्यभामा की सहायता से संहार किया था। श्रीकृष्ण ने उसका संहार कर 16 हजार लड़कियों को कैद से आजाद करवाया था। तत्पश्चात उन लड़कियों को उनके माता पिता के पास जाने का निवेदन किया , जिसे उन्होनें अस्विकार कर कृष्ण से विवाह का प्रस्ताव रखा ,बाद में यही कृष्ण की सोलह हजार पत्नियां ,  आठ मुख्य पटरानियां मिलाकर सोलह हजार आठ रानियां कहलायी ।नरकासुर के वध के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं ।  भारतीय महिलायें इस दिन " सूप " को प्रात: काल बजाकर 'इसर आवै दरिद्दर जावै ' कहते हुऐ 'सूप' को जला देते हैं ।
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