अब त्रिपुरा में खेला होबै

अब त्रिपुरा में  खेला होबै

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
पश्चिम बंगाल में जब स्थानीय निकाय के चुनाव हुए थे तब मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने यह आरोप लगाया था कि उसके कार्यकर्ताओं को चुनाव मंे पर्चा तक भरने से रोका गया। मारपीट और हत्या तक के आरोप लगे थे। राज्य मंे उस समय भी ममता बनर्जी की सरकार थी। बाद मंे विधानसभा चुनाव हुए और तृणमूल कांग्रेस अपनी सरकार बनाने मंे सफल रही। अब यही खेला त्रिपुरा मंे हो रहा है। दृश्य मंे थोड़ा बदलाव है। त्रिपुरा मंे सरकार भाजपा की है और टीएमसी मुख्य विपक्षी पार्टी। नगर निगम चुनाव 25 नवम्बर को होने हैं लेकिन टीएमसी नेताओं का आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट हो रही है। उस समय भाजपा आरोप लगाती थी कि पश्चिम बंगाल की पुलिस सरकार के इशारे पर कार्रवाई नहीं करती। अब टीएमसी आरोप लगा रही है कि त्रिपुरा की पुलिस सरकार के इशारे पर कार्रवाई नहीं कर रही है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया है और कोर्ट ने इस मामले मंे जल्द सुनवाई के लिए कहा है। टीएमसी सांसद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली गये थे लेकिन उनको मुलाकात का समय नहीं दिया गया। टीएमसी सांसदों ने वहां कहा था कि अब त्रिपुरा मंे खेला होबै।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने त्रिपुरा में अपनी नेताओं पर हुए हमले और झूठे केसों में गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा। टीएमसी राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए कहा है कि हम लोग आपसे मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं। त्रिपुरा में 21 नवम्बर को टीएमसी नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया। टीएमसी की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है। डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करते हुए लिखा है, गृहमंत्री जी, त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर क्रूर हमले किए जा रहे हैं और यहां तक कि पत्रकारों के साथ भी मारपीट हुई है। झूठे आरोपों में गिरफ्तारी की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के 16 सांसद दिल्ली पहुंच चुके हैं। कृपया हमें मुलाकात के लिए समय दें। हम इंतजार कर रहे हैं। इससे पहले एक ट्वीट में डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा था, ‘त्रिपुरा में गुजरात मॉडल। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की फासीवादी क्रूरता को कभी स्वीकार नहीं करेगी। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने गृहमंत्री से मुलाकात के लिए वक्त मांगा था। लेकिन उन्हें गृहमंत्री की ओर से मुलाकात के लिए टाइम नहीं दिया गया। इसके बाद टीएमसी सांसद नॉर्थ ब्लॉक के बाहर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की। उन्होंने खेला होबे, खेला होबे, अमित शाह खेला होबे और अमित शाह टाइम क्यों नहीं दे रहे? के नारे लगाए। टीएमसी सांसद प्रतिमा मंडल ने कहा, अभी तक अमित शाह से मिलने का टाइम नहीं मिला है। त्रिपुरा में हमारे लोगों को मारा जा रहा है। हमारे महासचिव को प्रदर्शन करने की परमिशन भी नहीं मिली। अन्य सांसद कल्याण बनर्जी और सौगत रे का कहना है कि अमित शाह ने टाइम नहीं दिया है, वो बुजदिल हैं। त्रिपुरा में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
त्रिपुरा चुनावों में हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है। टीएमसी ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को आदेशों के बावजूद त्रिपुरा में चुनावों के दौरान हालात खराब हो रहे हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट त्रिपुरा के अफसरों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करे। इससे पहले त्रिपुरा में चुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य प्रशासन और पुलिस को त्रिपुरा में स्वतंत्र और निष्पक्ष निगम चुनाव कराने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन इलाकों में चुनाव होने हैं वहां सुरक्षा हो और शांति रहे। राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि किसी भी पार्टी को शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक प्रचार के लिए कानून के अनुसार अधिकारों से रोका न जाए। जिन उम्मीदवारों को सुरक्षा चाहिए, जिले के एसपी खतरे की आशंका का आंकलन करेंगे और कदम उठाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।इन निर्देशों पर त्रिपुरा के डीजीपी और गृह विभाग संयुक्त हलफनामा दाखिल करेंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि त्रिपुरा में चुनाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। दरअसल पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा में भी टीएमसी वर्सेज भाजपा शुरू गया है और टीएमसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। तृणमूल कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से त्रिपुरा में निगम चुनावों के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा मांगी है। टीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज की निगरानी में हिंसा की जांच की मांग की। कार्यकर्ताओं पर हमले के सभी मामलों में कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है। टीएमसी की राज्यसभा सांसद सुस्मिता देव की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि त्रिपुरा में उसके पार्टी कार्यकर्ता हिंसक हमलों का सामना कर रहे हैं और पार्टी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। टीएमसी नेताओं और सदस्यों के खिलाफ गुंडों की भीड़ द्वारा हिंसा का निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। इन घटनाओं में 30 कारें क्षतिग्रस्त हो गई है।पार्टी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई हैं। इस तरह के नियमित हमले केवल राजनीतिक विरोधियों के इशारे पर किए जा रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि सरकार के इशारे पर पुलिस की ओर से जानबूझकर कार्यवाही नहीं कर रही है। त्रिपुरा सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिए जाएं कि वह उन क्षेत्रों में सुरक्षा और सुरक्षा बनाए रखे जहां चुनाव होने हैं। राज्यों के लिए एक ऐसा माहौल बनाना अनिवार्य है जो चुनावों में अबाध रूप से राजनीतिक भागीदारी को सक्षम बनाए।
दरअसल त्रिपुरा में नगर निगम चुनाव 25 नवंबर से होने हैं। त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस की नेता और अभिनेत्री सयानी घोष को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं टीएमसी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के गुंडों ने सयानी घोष, सुबल भौमिक, सुष्मिता देब और कुणाल घोष पर ष्बीजेपी के गुंडोंष् द्वारा हमला बोला। इस घटनाक्रम के बाद टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने त्रिपुरा दौरे पर जाने का फैसला किया, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता दिखाई जा सके। अभिषेक बनर्जी ने त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बिप्लब देव पर गुंडाराज चलाने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। साथ ही कहा कि सयानी घोष ने 19 नवम्बर रात को त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब की एक सभा में खलल डालने का प्रयास किया। उन्हें ईस्ट अगरतला वुमेन पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार कर रखा गया। पार्टी का कहना है कि हिंसा के दौरान तृणमूल के 6 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस स्टेशन के पास इकट्ठा हुए लोगों पर हमला किया। इसी पुलिस स्टेशन में घोष से पूछताछ की जा रही थी। दोपहर बाद घोष को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर हत्या का प्रयास और लोगों के बीच वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगाया गया है। (हिफी)

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