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मुझे भुला रहे हैं

मुझे भुला रहे हैं

      ---:भारतका एक ब्राह्मण.
          संजय कुमार मिश्र'अणु'
इल्जाम है कि मुझे भूला रहे है-
जो हर कदम पर रुला रहे हैं।१।
रहने नहीं देते कभी जो चैन से-
सबसे कह रहे उसे सुला रहे हैं।२।
अपनी खबर किसीको नहीं देता,
बहत दिन से उसे बुला रहे हैं।३।
हकीकत तो सिर्फ हम जानते है-
इस वक्त वे क्यों कुलबुला रहे हैं।४।
मन में मैल रख कर जो जिएं-
वही अब हांथ-पांव धूला रहे हैं।५।
मुझे मालूम है उनकी फितरत-
झूठी हवा से सबको फूला रहे हैं।६।
कभी जाकर वहां देख लेना तुम-
कैसे सब्जबाग में झूला रहे हैं।७।
          वलिदाद अरवल (बिहार)
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