राष्ट्रध्वज के होनेवाले अपमान को रोकने हेतु उत्तरप्रदेश में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रशासन को ज्ञापन सादर
उत्तरप्रदेश - राष्ट्रध्वज राष्ट्र की अस्मिता है ! 15 अगस्त और 26 जनवरी को ये राष्ट्रध्वज अभिमान के साथ दिखाए जाते हैं; परंतु उसी दिन यही कागदी/प्लास्टिक के छोटे छोटे राष्ट्र्र्रध्वज सडकों, कचरे और नालों में फटी हुई अवस्था में दिखते हैं । यह अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (103/2011) प्रविष्ट की गई थी । इस संबंध में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज द्वारा होनेवाला अपमान रोकने का आदेश सरकार को दिया था । तद्नुसार केंद्रीय व राज्य गृह विभाग तथा शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित परिपत्रक भी निकाला था । साथ ही राज्य सरकार ने भी राज्य में ‘प्लास्टिक बंदी’ का निर्णय लिया है । उसके अनुसार भी ‘प्लास्टिक के राष्ट्रध्वजों का विक्रय करना’ अवैधानिक है । साथ ही इस वर्ष दुकानों में तथा ‘ऑनलाइन’ पद्धति से तिरंगे के रंग के मास्क का विक्रय होते हुए दिखाई दे रहा है । तिरंगे का मास्क उपयोग करने से राष्ट्रध्वज की पवित्रता भंग होती है ।
‘तिरंगा मास्क’ अथवा प्लास्टिक के तिरंगे झंडे देशप्रेम के प्रदर्शन के माध्यम नहीं हैं; अपितु ध्वजसंहिता के अनुसार ‘राष्ट्रध्वज का इस प्रकार से उपयोग करना’ ध्वज का अपमान ही है । यह ‘राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971’ का उल्लंघन है । इसलिए ‘तिरंगा मास्क’ तथा प्लास्टिक के झंडे के विक्रय तथा उपयोग करनेवालों पर अपराध प्रविष्ट किए जाएं । ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । इस निमित्त वाराणसी के माननीय जिलाधिकारी, आयुक्त, वाराणसी मंडल वाराणसी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा गाजीपुर जिले के सैदपुर तहसील एवं पिंडरा तहसील में भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा
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