मेरा भारत महान
कोई अपनी जात पर
मेहरबान था
कोई अपनी बात पर
कुर्बान था
किसी का अपने धर्म पर
बलिदान था
किसी को मराठी होने का
गुमान था
किसी को अपनी पंजाबियत
का मान था
कोई अपने गुजरात की
शान था
किसी के भाषावाद पर
मैं हैरान था
किसी का अलगाववादी
बयान था
सबका अपना-अपना
अलग जहान था
लाचार उपेक्षित
मेरा भारत महान था
-विनोद सिल्ला
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