हाथी पर सरकार

हाथी पर सरकार 

गिरीन्द्र मोहन मिश्र ,
फ़ोटो जर्नलिस्ट ,जी.एम.ईस्टेट

हाथी  पर   चढ़    गयी  सरकार,
काबिल  हाथ  हो   गया   बेकार, 
जन समस्या  से   नहीं  सरोकार,
यही   है   लिलार  का  चमत्कार.

बन्द  पड़े  हैं  पकौड़ा  की  दुकान,
खुद की गलती  से  जन  बेजुबान,
क्रोध की निर्णय से ढ़हा  है गुमान,
काबिल हाथ झेल रहा है अपमान.

जब  से  छुटा  है  हाथ  का  साथ,
लुप्त हो गया है सब ज्ञान की बात,
नफ़रत का खूब  मिला  है  सौगात,
जी.एम.बोलने की नहीं सच्ची बात.

अब  कोई  नहीं  पुछता  है  सवाल,
सवाल  पूछने  पर होता  है  बवाल ,
जिसने भी  पूछा   है  इनसे  सवाल,
वो सब के  सब हो  गया  है कंगाल.

झूठाम्बर  का   देखो  रुप  विकराल,
सत्तरसाला  देश हो गया  है  कंगाल, 
सड़क पर मजबूर मजदूर का सैलाब,
देखो ट्रेन से लाशों को ढो रहे जनाब.
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |

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