Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

‘दो गज दूरी’ कोविड-19 से लड़ने के लिए ग्रामीण भारत का मंत्र है: प्रधानमंत्री

आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बनना कोरोना महामारी से मिला सबसे बड़ा सबक है: प्रधानमंत्री
  • ‘दो गज दूरी’ कोविड-19 से लड़ने के लिए ग्रामीण भारत का मंत्र है: प्रधानमंत्री
  • प्रधानमंत्री ने ‘ई-ग्राम स्वराज एप’ और ‘स्वामित्व योजना’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2020’ के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर की ग्राम पंचायतों के सरपंचों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने एक एकीकृत ‘ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एवं मोबाइल एप’ और ‘स्वामित्‍व योजना’ का शुभारंभ किया।
‘ई-ग्राम स्वराज’ दरअसल ग्राम पंचायत विकास योजनाओं को तैयार करने और उनके कार्यान्‍वयन में मदद करता है। यह पोर्टल वास्तविक समय पर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा। इतना ही नहीं, यह पोर्टल ग्राम पंचायत स्तर तक डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
6 राज्यों में प्रायोगिक (पायलट) तौर पर शुरू की गई ‘स्वामि‍त्व योजना’ ड्रोन और नवीनतम सर्वेक्षण विधियों का उपयोग करके गांवों में बसी हुई भूमि या आवासों का नक्शा बनाने में मदद करती है। यह योजना सुव्यवस्थित योजना
देश भर के सरपंचों को संबोधित करते हुए
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस महामारी से हमें ऐसी नई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। हालांकि, इसने हमें एक मजबूत संदेश के साथ एक बहुत अच्छा सबक भी सिखाया है। इसने हमें सिखाया है कि हमें आत्मनिर्भर और स्‍वावलम्‍बी बनना होगा। इसने हमें सिखाया है कि हमें समस्‍याओं का समाधान देश के बाहर नहीं तलाशना चाहिए। यही सबसे बड़ा सबक है जिसे हमने सीखा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हर गांव को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त रूप से आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। इसी तरह हर जिले को अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बनना है, हर राज्य को अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बनना है और पूरे देश को अपने स्तर पर आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।’
श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि सरकार ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने तथा ग्राम पंचायतों को और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत की
उन्‍होंने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों में लगभग 1.25 लाख पंचायतों को ब्रॉडबैंड के माध्यम से जोड़ा गया है, जबकि पहले यह संख्‍या मात्र 100 ही थी। इसी तरह साझा सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) की संख्या 3 लाख का आंकड़ा पार कर गई है।
उन्होंने कहा कि जब से भारत में मोबाइल फोन का निर्माण किया जा रहा है, तभी से स्मार्टफोन की कीमतें काफी घट गई हैं और किफायती स्मार्टफोन हर गांव में पहुंच गए हैं। इससे ग्रामीण स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढांचा और भी अधिक मजबूत होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पंचायतों की प्रगति से राष्ट्र और लोकतंत्र की तरक्‍की सुनिश्चित होगी।’
आज का यह आयोजन दरअसल प्रधानमंत्री और ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का अहम अवसर था।
सरपंचों के साथ संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने अत्‍यंत सरल शब्दों में सामाजिक दूरी बनाए रखने को परिभाषित करने के लिए दिए गए ‘दो गज दूरी’ के मंत्र के लिए गांवों की सराहना की।
उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण भारत द्वारा दिया गया ‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद
उन्होंने कहा, ‘गांवों की सामूहिक शक्ति देश को आगे बढ़ने में मदद कर रही है।’
उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि इन प्रयासों के बीच हमें यह याद रखना होगा कि किसी भी एक व्‍यक्ति की लापरवाही पूरे गांव को भारी खतरे में डाल सकती है, इसलिए इसमें छूट या ढील देने की कोई गुंजाइश नहीं है।
प्रधानमंत्री ने सरपंचों से क्‍वारंटाइन, सामाजिक दूरी बनाए रखने और मास्क से चेहरे को कवर करना सुनिश्चित करते हुए गांवों में स्वच्छ्ता अभियान की दिशा में काम करने और गांवों में रहने वाले बुजु्र्गों, दिव्यांगजनों एवं अन्य जरूरतमंदों का विशेष ध्‍यान रखने का अनुरोध किया।
उन्होंने सरपंचों से कोविड-19 के विभिन्न पहलुओं पर हर परिवार को सही जानकारी देने का आग्रह किया।
उन्होंने गांवों में रहने वाले लोगों से ‘आरोग्य सेतु एप’ को डाउनलोड करने की भी अपील की और पंचायतों के प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनकी पंचायत का प्रत्येक व्यक्ति इस एप को अवश्‍य डाउनलोड करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं कि गांवों के गरीब लोगों को भी सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिले। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना गांवों के गरीबों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में उभर कर सामने आई है और इस योजना के तहत लगभग 1 करोड़ गरीब मरीजों को अस्पताल में मुफ्त इलाज मिला है।
उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्मों जैसे कि ई-नाम और जेम पोर्टल का उपयोग करने का आग्रह किया, ताकि गांव की उपज की बेहतर कीमतें पाने के लिए बड़े बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, बिहार, उत्‍तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और असम के सरपंचों के साथ संवाद किया।
उन्होंने ग्राम स्वराज पर आधारित महात्मा गांधी के स्वराज की अवधारणा को स्‍मरण किया। शास्त्रों को उद्धृत करते हुए उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि सभी शक्ति का स्रोत एकता ही है।
प्रधानमंत्री ने अपने सामूहिक प्रयासों, एकजुटता और दृढ़ संकल्प के साथ कोरोना को परास्‍त करने के लिए सरपंचों को पंचायती राज दिवस पर शुभकामनाएं दीं।